अटल की प्राथमिकताओं में रहे गांव, गरीब और किसान

किसानों को प्राकृतिक आपदाओं के जोखिम से बचाने वाली पहली फसल बीमा योजना अटल के जमाने में ही शुरु हुई थी।

By Vikas JangraEdited By: Publish:Fri, 17 Aug 2018 08:50 PM (IST) Updated:Fri, 17 Aug 2018 08:50 PM (IST)
अटल की प्राथमिकताओं में रहे गांव, गरीब और किसान
अटल की प्राथमिकताओं में रहे गांव, गरीब और किसान

नई दिल्ली [सुरेंद्र प्रसाद सिंह]। गांव, गरीब और किसान हमेशा से अटल बिहारी वाजपेयी की प्राथमिकताओं में रहे। संसद के भीतर और बाहर दोनों जगह इनकी पैरवी करने वाले वाजपेयी जब प्रधानमंत्री बने तो उन्हें ग्रामीण विकास और किसानों की समस्याओं को दूर करने वाली कई योजनाएं लागू की। गांवों को जोड़ने वाली पीएमजीएसवाई की पक्की सड़कों ने तो गांवों की तस्वीर बदल दी है। किसानों को प्राकृतिक आपदाओं के जोखिम से बचाने वाली पहली फसल बीमा योजना अटल के जमाने में ही शुरु हुई थी।

कृषि उपज का उचित मूल्य दिलाने को लेकर उनकी सरकार प्रतिबद्ध थी। कृषि को राज्य का विषय होने के मद्देनजर प्रधानमंत्री ने उस समय राज्यों के कृषि मंत्रियों के साथ मुख्यमंत्रियों की बैठक बुलाई थी। इस दौरान उन्होंने सभी राज्य सरकारों से किसानों के हित में समुचित कदम उठाने का आग्रह किया, जिसे ज्यादातर राज्यों ने स्वीकार किया। मंडी कानून, कांट्रैक्ट खेती और उस फसल बीमा जैसी योजनाओं को शुरु कर अटल बिहारी वाजपेयी ने किसानों की मुश्किलें आसान कर दीं।

पुश्तैनी गांव बटेश्वर से कहीं भी जाने आने में उबड़ खाबड़ जमीन से गुजरना पड़ता था। उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों में कनेक्टिीविटी के अभाव को सबसे बड़ी मुश्किल माना और उसे खत्म करने को उच्च प्राथमिकता दी। 70 फीसद आबादी वाले ग्रामीण क्षेत्रों के लिए उनके एक क्रांतिकारी फैसले से ग्रामीण भारत की तकदीर भी बदल गई है। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (पीएमजीएसवाई) से देश के 90 फीसद गांव जुड़ चुके हैं। हर गांव को पक्की सड़कों से जोड़ते-जोड़ते पीएमजीएसवाई की सड़कों की लंबाई 3.68 लाख किमी तक पहुंच गई है। उनकी चलाई यह योजना आज भी उतनी ही अहम है।

हर सरकार में लोकप्रिय रही पीएमजीएसवाई को कोई बंद करने की सोच भी नहीं सकता। शहरों सीधे जुड़ाव हो जाने से गांवों की जिंदगी बदल गई है। कृषि उपज को मंडियों तक ले जाने और रोजी रोजगार के रास्ते आसान हुए हैं। पक्की सड़कों के हो जाने से लोगों शिक्षा औ स्वास्थ्य जैसी मूलभूत जरूरतें आसानी से मुहैया हो रही हैं। हर किसी की जेहन में अटल की सड़कें हैं।

उप राष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू उस समय ग्रामीण विकास मंत्री थे, जो अटल को याद करते हुए उनकी प्राथमिकताओं को गर्व से याद करते हैं। पूरा विश्व मंदी की भारी चपेट में था। लेकिन इसका असर भारत जैसे विकासशील देश में नहीं दिखा। देश को चौतरफा जोड़ने की अटल बिहारी वाजपेयी की स्वर्ण चतुर्भुज योजना ने आर्थिक गतिविधियों को रफ्तार दे दी। उस जमाने में बनी सड़कों को यह नेटवर्क 5846 किमी लंबी है। इसे दुनिया के सबसे लंबे राजमार्गो में शुमार किया गया है। सड़कों का यह नेटवर्क दिल्ली-चेन्नई और मुंबई-कोलकाता को जोड़ता है।

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