Happy Birthday: जानिए- भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के 10 अनजाने किस्से

साल 2014 में सत्‍ता में आने के बाद जब अमित शाह भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष बने, तो उन्होंने सदस्‍यता अभियान शुरू किया।

By Manish NegiEdited By: Publish:Mon, 22 Oct 2018 11:27 AM (IST) Updated:Mon, 22 Oct 2018 11:50 AM (IST)
Happy Birthday: जानिए- भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के 10 अनजाने किस्से
Happy Birthday: जानिए- भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के 10 अनजाने किस्से

नई दिल्ली, जेएनएन। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद अमित शाह का आज जन्मदिन है। 22 अक्टूबर 1964 को मुंबई में जन्मे अमित शाह को आज की राजनीति का चाणक्य कहा जाता है। हालांकि इसके पीछे एक बड़ी वजह भी है। उन्हें यू हीं राजनीति का चाणक्य नहीं कहा जाता। वो अमित शाह ही जिन्होंने भाजपा को विश्व का सबसे बड़ा राजनीतिक दल बनाया। साल 2014 में सत्‍ता में आने के बाद जब अमित शाह भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष बने, तो उन्होंने सदस्‍यता अभियान शुरू किया। इस अभियान को जबरदस्त समर्थन मिला और उसका नतीजा यह हुआ कि अगले एक साल के भीतर ही पार्टी सदस्‍यों की संख्‍या 10 करोड़ पार हो गई। जिसके बाद भाजपा विश्व की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी बनी। 

स्वर्णिम काल में भाजपा
ये कहना गलत नहीं होगा कि भाजपा अपने स्वर्णिम दौर से गुजर रही है और इसके पीछे सबसे बड़ा योगदान अमित शाह का ही है। अमित शाह की विपक्ष की हर चाल को नाकाम कर देने वाली रणनीति के चलते ही भाजपा की एक बाद एक कई राज्यों में सरकार बनी। आज भाजपा गठबंधन केंद्र के अलावा 21 राज्यों में सरकार चला रही है।

अमित शाह के 10 अनजाने किस्से

1. अमित शाह का राजनीति से दूर-दूर तक कोई नाता नहीं था। उनका जन्म बड़े व्यापारी अनिलचंद्र शाह के घर हुआ था। हालांकि, शाह बचपन में ही राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़ गए थे। स्कूल दिनों में वो अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के नेता बन गए। वहीं ग्रेजुएशन के समय पर वो संघ के आधिकारिक कार्यकर्ता बन गए। 

2. साल 1986 में भाजपा के साथ जुड़ने से पहले उन्होंने स्टॉकब्रोकर का काम किया। 1995 में गुजरात में मुख्यमंत्री केशुभाई पटेल की सरकार के दौरान उन्हें गुजरात राज्य वित्त निगम का चेयरपर्सन चुना गया। 

3. मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उनकी पहली मुलाकात अहमदाबाद में 1982 में हुई। उस समय मोदी आरएसएस के प्रचारक थे। आज विपक्षी दलों के पास मोदी-शाह की जुगलबंदी का कोई तोड़ नहीं है।

4. अमित शाह को 1991 में लाल कृष्ण अाडवाणी और 1996 में अटल बिहारी वाजपेयी के चुनाव प्रचार की जिम्मेदारी दी गई। यही से शाह बेहतरीन चुनाव प्रबंधक और रणनीतिकार बनकर उभरे।  

5. शाह 1997 (उपचुनाव) में गुजरात की सरखेज सीट से चुनाव जीतकर पहली बार विधानसभा पहुंचे। इसके बाद उन्होंने 1998, 2002 और 2007 में लगातार विधानसभा का चुनाव जीता। 

6. साल 2002 में गुजरात में नरेंद्र मोदी चुनाव जीतकर मुख्यमंत्री बने। मोदी ने उन्हें कई बड़े मंत्रालयों की जिम्मेदारी दी। 

7. एक ऐसा भी वक्त था जब शाह के राजनीतिक करियर के दौरान विवादों का दाग भी लगा। 2010 में गुजरात के गृह मंत्री रहते हुए उन पर सोहराबुद्दीन फर्जी इनकाउंटर केस का आरोप लगा। मामला बढ़ता देख उन्हें गृहमंत्री के पद से इस्तीफा देना पड़ा। गिरफ्तारी भी हुई, लेकिन कोई सुबूत ना मिलने पर उन्हें बरी कर दिया गया।

8. सोहराबुद्दीन फर्जी इनकाउंटर केस में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर शाह की दो साल तक गुजरात में एंट्री बैन हो गई थी। हालांकि इन दो सालों में उन्होंने कई क्षेत्रों के दिग्गजों के साथ मिलकर दिल्ली में काम किया। साल 2014 के आम चुनाव में भाजपा की शानदार जीत के बाद अमित शाह राष्ट्रीय नेता के रूप में उभरे।

9. 2014 लोकसभा चुनाव में शाह को यूपी का प्रभारी बनाया गया था। शाह की अचूक रणनीति की बदौलत भाजपा ने कई रिकॉर्ड ध्वस्त करते हुए गठबंधन के साथ 80 में से 73 सीटों पर जीत का परचम लहराया।

10. यूपी में भाजपा के शानदार प्रदर्शन का इनाम भी उन्हें मिला। जुलाई 2014 में अमित शाह को भाजपा का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया गया। 

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