नक्सली खौफ पर भारी पड़ा मतदाताओं का उत्साह, दंतेवाड़ा उपचुनाव में 60 फीसद मतदान

करीब साढ़े चार हजार मतदाताओं ने मोटरबोट और लाइफ जैकेट के सहारे उफनाती नदियों को पार किया और वोट देने के लिए पोलिंग सेंटर पर पहुंचे।

By Bhupendra SinghEdited By: Publish:Mon, 23 Sep 2019 08:22 PM (IST) Updated:Mon, 23 Sep 2019 09:15 PM (IST)
नक्सली खौफ पर भारी पड़ा मतदाताओं का उत्साह, दंतेवाड़ा उपचुनाव में 60 फीसद मतदान
नक्सली खौफ पर भारी पड़ा मतदाताओं का उत्साह, दंतेवाड़ा उपचुनाव में 60 फीसद मतदान

दंतेवाड़ा, राज्य ब्यूरो। छत्तीसगढ़ की बस्तर संभाग की दंतेवाड़ा विधान सभा सीट पर उपचुनाव के लिए सोमवार को 60.01 फीसद मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। कुछ एक घटनाओं को छोड़कर मतदान पूरी तरह शांतिपूर्ण रहा। उपचुनाव में 9 प्रत्याशी चुनावी मैदान में हैं। इनके भाग्य का फैसला क्षेत्र के एक लाख 88 हजार 624 मतदाता करेंगे। पिछले चुनाव में यहां करीब 60 फीसद वोटिंग हुई थी।

खास बात यह रही कि नक्सलियों की वोट न डालने की धमकी और डर को लोकतंत्र की ताकत ने हौसला देकर हरा दिया। बस्तर में बाढ़ की वजह से नदियां उफान पर हैं। ऐसे में गांवों का संपर्क आपस में टूटा हुआ है। यहां करीब साढ़े चार हजार मतदाताओं ने मोटरबोट और लाइफ जैकेट के सहारे उफनाती नदियों को पार किया और वोट देने के लिए पोलिंग सेंटर पर पहुंचे। प्रशासन की ओर से इनके लिए 10 मोटर बोट का इंतजाम किया गया था। अतिसंवेदनशील नक्सल क्षेत्र होने की वजह से यहां दोपहर तीन बजे तक ही मतदान हुआ।

इस वजह से दंतेवाड़ा में हुआ उपचुनाव

दंतेवाड़ा जिला नक्सलियों का छत्तीसगढ़ में एक बड़ा गढ़ है। आम तौर पर हिंसक घटनाओं में इस जिले में हर वर्ष हजारों लोग मारे जाते हैं। यहां जगह-जगह पर नक्सलियों की बिछाई लैंड माइन्स हैं जिनकी वजह से कई हादसे होते हैं और निर्दोश ग्रामीण मारे जाते हैं। यहां नक्सलियों ने कई बड़ी राजनीतिक हत्याओं को भी अंजाम दिया है।

कांग्रेस के दबंग नेता और बस्तर टाइगर के नाम से मशहूर रहे महेन्द्र कर्मा इसी विधानसभा सीट से विधायक रहे हैं। नक्सलियों ने झीरम घाटी हमले में उनकी नृशंस हत्या कर दी थी।

साल 2018 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के भीमा मंडावी यहां से चुनाव जीत कर आए थे, लेकिन पिछले दिनों एक कार्यक्रम से घर लौटने के दौरान नक्सलियों ने उनके काफिले पर एंबूश लगाकर हमला कर दिया और उनकी हत्या कर दी थी। यहां संवेदनाओं के आधार पर चुनावी लड़ाई लड़ी जा रही है और दोनों दिवंगत नेताओं की पत्नियों को कांग्रेस और भाजपा ने मैदान में उतारा है। कांग्रेस की ओर से देवती कर्मा और भाजपा की ओर से ओजस्वी मंडावी उम्मीदवार हैं।

मतदान केंद्र के पास मिला आईईडी 

कटेकल्याण के परचेली रोड पर सुरक्षा बलों को एक आईईडी मिला, इसमें 200 मीटर लंबा वायर भी जुड़ा था, इसे डिफ्यूज कर दिया गया था। इस इलाके में नक्सलियों की मौजूदगी की सूचना मिली थी।

हार्ट अटैक से पीठासीन अधिकारी की मौत

कटेकल्याण विकास खंड के परचेली में एक पीठासीन अधिकारी की चंद्र प्रकाश ठाकुर की मौत हो गई। माना जा रहा है कि उन्हें हार्ट अटैक आया था, वे गुमलनार के रहने वाले थे। फरसपाल और ऐसे मतदान केंद्र जहां से ईवीएम खराब होने की वजह से सुबह मतदान शुरू नहीं हो पाया था, वहां मतदान बाद में मतदान शुरू हुआ था। नक्सल इलाके में सुरक्षित मतदान के लिए 18 हजार से ज्यादा जवान तैनात किए गए थे। इसके साथ ही जंगली क्षेत्रों में ड्रोन से नजर रखी गई।

मतदाताओं के उत्साह से जोश में राजनीतिक पार्टियां

दंतेवाड़ा विधानसभा के उपचुनाव में मतदान के ट्रेंड को देखने के बाद भाजपा और कांग्रेस ही नहीं जकांछ समेत अन्य दलों के नेता भी अपनी जीत का दावा करने लगे हैं। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विक्रम उसेंडी ने कहा कि कांग्रेस सरकार के दस महीने के निराशाजनक कार्यकाल के खिलाफ जनता ने भाजपा के पक्ष में वोट किया है। कांग्रेस ने कहा कि पार्टी प्रत्याश की जीत पक्की है।

चित्रकोट विधानसभा सीट के उपचुनाव के लिए अधिसूचना जारी

बस्तर संभाग की दूसरी विधानसभा सीट चित्रकोट के उपचुनाव की अधिसूचना सोमवार को जारी कर दी गई है। विधायक दीपक बैज के बस्तर सांसद बनने से यह सीट रिक्त हुई है।

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