देश का 12वां सबसे ऊंचा जलप्रपात, देश-विदेश से देखने आ रहे हैं पर्यटक

Khandadhar Falls देश का 12वां सबसे ऊंचा जलप्रपात खंडाधार पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बन गया है ये बणई अनुमंडल के लहुणीपाड़ा प्रखंड में है स्थित है।

By Babita kashyapEdited By: Publish:Tue, 01 Oct 2019 02:01 PM (IST) Updated:Tue, 01 Oct 2019 02:01 PM (IST)
देश का 12वां सबसे ऊंचा जलप्रपात, देश-विदेश से देखने आ रहे हैं पर्यटक
देश का 12वां सबसे ऊंचा जलप्रपात, देश-विदेश से देखने आ रहे हैं पर्यटक

राउरकेला, जेएनएन। सुंदरगढ़ जिले के प्रमुख पर्यटन स्थलों में एक खंडाधार जलप्रपात जो देश का 12वां सबसे ऊंचा जलप्रपात है पर्यटकों को लुभा रहा है। यूं तो यहां साल भर पर्यटक आते-जाते रहते हैं पर ठंड शुरू होते ही यहां पिकनिक मनाने वालों की भीड़ जुटने लगती है। इसे ध्यान में रखते हुए पर्यटन विभाग एवं स्थानीय प्रशासन की ओर से लोगों की सुविधा के लिए व्यापक प्रबंध किए गए हैं।

244 मीटर ऊंची पहाड़ी से गिरती पानी की धार

ओडिशा का यह दूसरा सबसे ऊंचा जलप्रपात सुंदरगढ़ जिले के बणई अनुमंडल के लहुणीपाड़ा प्रखंड में स्थित है। घने जंगल एवं लौह अयस्क के खदान वाले क्षेत्र में करीब 244 मीटर ऊंची पहाड़ी से पानी की धार गिरती है। पाउड़ी भुइयां जाति की आराध्य कांता देवी की पीठस्थली पर तलवार की भांति चमकती धार पर्यटकों को दूर से ही आकर्षित करती है। जलप्रपात एवं व मनोरम स्थल को देखने के लिए अक्टूबर से जून समय अच्छा होता है। 

 

बणई अनुमंडल मुख्यालय से 54 किलोमीटर की दूर

राउरकेला से 104 किलोमीटर एवं बणई अनुमंडल मुख्यालय से 54 किलोमीटर की दूरी पर स्थित खंडाधार तक सड़क मार्ग से जा सकते हैं। राउरकेला से लहुणीपाड़ा होकर खंडाधार जाने के लिए पक्की सड़क है। राउरकेला व बणईगढ़ से बस, कार या अन्य वाहन भाड़े पर उपलब्ध हैं। पर्यटन विभाग की ओर से भी यहां आने वाले पर्यटकों के लिए वाहन सुलभ भाड़े पर उपलब्ध कराया जाता है।

पिकनिक स्पाट के रूप में किया गया विकसित

पर्यटन विभाग व प्रशासन की ओर से यहां पिकनिक के लिए आने वालों की भीड़ को देखते हुए इस क्षेत्र में विकास का काम किया गया है। करीब तीस करोड़ की लागत से विभिन्न योजनाओं को पूरा किया गया है। पिकनिक स्थल पर जाने के लिए जलप्रपात से उतरने वाले कोरापानी नाला का पानी पार करना पड़ता है। इसे पार करने के लिए पुल बनाने के साथ साथ नाले में उतरने के लिए सीढ़ी भी बनायी गई है। परिवार के साथ पिकनिक मनाने के लिए चबूतरे तैयार किए गए हैं।

सुंदरता एवं सफाई पर प्रबंधन का विशेष ध्यान

पिकनिक स्थल की सुंदरता बढ़ाने के लिए आकर्षक चबूतरा बनाने के साथ-साथ पार्क का भी निर्माण कराया गया है। जंगली जीव जंतुओं की आकर्षक सीमेंट की जीवंत मूर्तियां बनायी गई हैं। पिकनिक स्थल पर प्लास्टिक के कप, पालीथिन, बोतल एवं गंदगी फैलने वाले सामान लेकर जाने पर मनाही है। सामान फेंकने के लिए डस्टबीन भी लगाए गए हैं।

पर्यटकों के लिए गेस्ट हाउस की भी उत्तम सुविधा

खंडाधार जलप्रपात में पर्यटन एवं पिकनिक के उद्देश्य से बड़ी संख्या में लोग देश विदेश से आते हैं। यहां आने वालों के लिए जलप्रपात के निकट ही ठहरने की व्यवस्था है। सुलभ दर पर गेस्ट हाउस उपलब्ध है। यहां ऑर्डर पर पर्यटकों के लिए भोजन आदि की व्यवस्था होती है। आसपास के गांव के लोग भी यहां आने वालों की हर तरह की मदद करते हैं।

 

बोटिंग एवं रोप वे व्यवस्था की चल रही तैयारी

खंडाधार जलप्रपात के नीचे 64 लाख रुपये की लागत पर यहां बोटिंग की व्यवस्था करने की योजना है। फूड यार्ड एवं पर्यटन सुरक्षा के लिए यहां अस्थाई पुलिस चौकी स्थापित की जाएगी। राज्य पर्यटन विभाग की ओर से यहां रोपवे का भी निर्माण किया जाएगा।

पर्यटकों के रुकने के लिए यहां आधा दर्जन कुटीर भी तैयार किए जाएंगे। इसके लिए यहां पर्यटन शुल्क घटाया गया है। तालबहाड़ी पंचायत के लोगों के लिए पांच रुपये, बणई अनुमंडल के लोगों के लिए 10 रुपये तथा बाहर से आने वालों के लिए 15 रुपये करने की घोषणा पूर्व जिलापाल सुरेंद्र कुमार मीणा कर चुके हैं। 

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