वादे से मुकरा फाउण्डेशन, 500 बच्चों का भविष्य अधर में

By Edited By: Publish:Thu, 01 Mar 2012 03:33 PM (IST) Updated:Fri, 02 Mar 2012 07:53 AM (IST)
वादे से मुकरा फाउण्डेशन, 500 बच्चों का भविष्य अधर में

पुरी, जागरण संवाददाता

पुरी-कोणार्क मेराइन ड्राइवर रोड के पास बाइसमौजा अंचल के 420 छात्र-छात्राओं का भविष्य अन्धकार होने जा रहा है। बाइसमौजा के अधिवासियों की जमीन अनिल अग्रवाल फाउण्डेशन के मालिक अनिल अग्रवाल ने खरीद कर उस जगह पर वेदांत विश्व विद्यालय स्थापित करने को सरकार के साथ एमओयू हस्ताक्षर किए थे। इसके साथ ही जमीन देने वाले विस्थापितों के बच्चों को पढ़ाकर वेदांत विश्व विद्यालय में नौकरी देने के लिए वादा किए थे। अब उस वादा से फाउण्डेशन मुकर गया है। इससे 500 बच्चों का भविष्य अब अन्धकारमय हो गया है। फाउण्डेशन बच्चों की सहायता नहींकरने की घोषणा करने के बाद बुधवार को बच्चों के अभिभावक जिलाधीश को एक स्मारक पत्र प्रदान करते हुए फाउण्डेशन के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की मांग किया है। मांग पत्र में उल्लेख किया गया है कि वेदांत विश्व विद्यालय प्रतिष्ठा के लिए अनिल फाउण्डेशन पुरी-कोणार्क अंचल में महाप्रभु श्री जगन्नाथ की 1300 एकड़ जमीन अधिग्रहण किए थे। 604 एकड़ जमीन के लिए 8 करोड़ 7 लाख रुपया उन्होंने श्रीमंदिर प्रशासन को अर्पण किया था। बाकी के जमीन के लिए हाईकोर्ट में मामला दर्ज के कारण वेदांत जमीन अधिग्रहण नहीं कर पाई थी। स्थानीय अधिवासियों से 3 हजार एकड़ जमीन खरीद कर अनिल फाउण्डेशन लिया था। राज्य सरकार ने अनिल फाउण्डेशन के साथ 2007 में करार हस्ताक्षर किया था। व्यक्तिगत रूप से मौजूद 6 हजार एकड़ खेती जमीन अधिग्रहण के लिए राज्य सरकार ने 2008 साल में वेदांत को अनुमति दिए थे। वेदांत ने उन लोगों को विभिन्न सपने दिखाए थे कि उनके बच्चों को मुफ्त में पढ़ाया जाएगा और वेदांत विश्व विद्यालय में नौकरी मिलेगी। वेदांत यह प्रलोभन दिखाकर जमीन अधिग्रहण कर लिया। खेती पर निर्भर लोग अपनी जमीन बेचकर सपने में सुखी जीवन देखने लगे थे। फाउण्डेशन ने उनके बच्चों को यूनिफार्म के साथ पूरी के अंग्रेजी माध्यम स्कूल, डीएवी स्कूल में पढ़ने के लिए सभी प्रकार का बंदोबस्त किया। वेबसाइट में भी यह बात उल्लेख की गई। लेकिन वेदांत ने डीएवी स्कूल के साथ समझौता अलग प्रकार का किया था। ग्रामांचल के ओड़िआ माध्यम स्कूल के बच्चे अंग्रेजी माध्यम की पढ़ाई में सफल नहीं हो पाएंगे, इसीलिए शर्त अनुसार डीएवी अधिकारी अपने ही स्कूल के अन्दर एक ओड़िआ माध्यम स्कूल खोले थे। समझौता पत्र में यह भी शर्त था कि नए ओड़िआ माध्यम विद्यालय प्रतिष्ठा के लिए वेदांत डीएवी को 2012 में 3 एकड़ जमीन और 10 हजार वर्गफुट का मकान उपलब्ध करवाएगा। वेदांत की तरफ से मुफ्त में किताब, खाना और गांव से आने जाने के लिए 4 नया स्कूल बस डीएवी को प्रदान किया गया, मगर वेदांत विश्व विद्यालय प्रकल्प ओड़िशा उच्च न्यायालय के मामले में फंस गया। 2010 नवम्बर में ओड़िशा उच्च न्यायालय वेदांत के विश्व विद्यालय प्रकल्प के खिलाफ राय प्रदान करते हुए कहा कि घरेलू मालिकाना में मौजूद सभी किसानों की जमीन वेदांत वापस कर देगा। उच्च न्यायालय के इस राय के खिलाफ वेदांत सुप्रीमकोर्ट को गया, मगर प्रकल्प योजना से हटने की प्रक्रिया भी शुरू कर दिया। पुरी में अपने कार्यालय को भी बंद कर दिया। वेबसाइट को 2010 अप्रैल महीने के बाद बंद कर दिया। 2011 जुलाई में डीएवी को पत्र लिखकर सूचित किया कि बच्चों का दायित्व 2012 मार्च 31 तारीख से वेदांत नहीं लेगा। डीएवी अधिकारी वर्ग इस बारे में छात्रों के अभिभावकों को अवगत नहीं किए 2012 फरवरी 14 तक । इस बारे में डीएवी के क्षेत्रीय निदेशक हिमांशु महान्ति को हमारे पत्रकार द्वारा पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि यह संवाद बच्चों को अगर जुलाई महीने में दिया जाता तो वह हतोत्साहित होते। उसके बाद पढ़ाई में उनका मन नहीं लगता है। इसीलिए नए साल के शुरू से हम अभिभावकों को यह निर्देशनामा जारी किए हैं। लेकिन अब 500 बच्चों की पढ़ाई बंद होने जा रही है और उनका भविष्य अंधकार बनने की आशंका बन गई है।

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