नेता-माफिया गठजोड़ के खिलाफ सड़क पर उतरेंगे

By Edited By: Publish:Wed, 15 Jan 2014 06:30 PM (IST) Updated:Thu, 16 Jan 2014 04:40 AM (IST)
नेता-माफिया गठजोड़ के खिलाफ सड़क पर उतरेंगे

जागरण संवाददाता, पुरी। राजनीति और माफिया की मिलीभगत, यहां समुद्र के किनारे बसे सैकड़ों गांवों के लोगों की जीविका छीनने के साथ ही जबरदस्त पर्यावरण असंतुलन भी पैदा कर रही है। अब इन गांवों के ग्रामीण सड़क पर उतरने का मन बना रहे हैं।

पुरी, नीमापड़ा, सत्यवादी तहसील इलाके के गांवों के लोगों ने अपनी पीड़ा पूर्व विधायक उमा रथ से बताई। ग्रामीणों ने बताया कि विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं की शह से मनबढ़ मछली व भू-माफियाओं ने हमारा जीना हराम कर रखा है। इनके कारण हमारी रोटी छिनने के साथ ही, नदियों का जल भी प्रदूषित हो रहा है। इस संबंध में नीचे से ऊपर तक के अधिकारियों का ध्यान आकर्षित करने के बावजूद कोई कार्रवाई नहींकी जा रही है। ग्रामीणों की पीड़ा सुनने के बाद पूर्व विधायक उमा वल्लभ रथ ने उनके हक में आंदोलन करने की कमान थाम ली है। रथ ने यहां पत्रकार सम्मेलन आयोजित कर मछली और जमीन माफियों के गैरकानूनी कार्यकलाप के बारे में जानकारी दी। उन्होंने चेतावनी दी है कि आगामी 31 जनवरी तक सरकार या प्रशासन की तरफ से सख्त कदम नहींउठाने पर ग्रामीण अपने स्तर से ऐसे नेताओं और माफियाओं से निपटेंगे। ऐसी स्थिति में हिंसा होने की पूरी जिम्मेदारी सरकार और प्रशासन की होगी। रथ ने कहा कि मछली व जमीन माफिया लोगों की खेती की जमीन नष्ट कर रहे हैं। गवकुंड कठ और सिआर कठ (नई नदी) के जल में मछली माफियाओं ने बांध बना रखे हैं। अपने मछली तालाबों में पानी भरा रहने के लिए बड़े बड़े बांधों का निर्माण कराया है। इससे खेतों तक पानी नहीं पहुंच पा रहा है। नुआ गां सफेई नाले को तो पूरी तरह बंद ही कर दिया गया है। मछली तालाबों का प्रदूषित जल, नदी में छोड़ा जा रहा है। माफिया जबरन जमीन दखल कर रहे हैं। यही नहीं, ये लोग विभिन्न मठों की ही नहीं, बल्कि श्री जगन्नाथ महाप्रभु व अन्य देवताओं तक की जमीन पर कब्जा किए ले रहे हैं। इनके पास वैधानिक लीज भी नहींहै।

नेता-माफिया के इस गठजोड़ के खिलाफ जल संपदा विभाग के प्रमुख सचिव से लेकर आरडीसी तक ही नहीं, बल्कि राज्य पर्यावरण नियंत्रण बोर्ड भी कोई कार्रवाई नहींकर रहा है। इस संबंध में अतिरिक्त मुख्य सचिव ने जिलाधीश को रिपोर्ट देने के लिए 28 अक्टूबर को पत्र लिखा था, मगर अभी तक रिपोर्ट नहींदी गई है। तहसीलदार ने भी सदर थाने को जांच करने के लिए कहा, मगर कोई कार्रवाई नहींहो रही है। अब तक 50 एकड़ जमीन नष्ट हो गई है। मछली माफियाओं के कारण 50 लाख ग्रामवासी मत्स्य पालन से वंचित हैं।

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