नर्सो के लिए खुलेगा स्किल लैब, मिलेगा अत्याधुनिक प्रशिक्षण

संवाद सहयोगी, जमशेदपुर : नर्सो को हुनरमंद बनाने के लिए जल्द ही महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडि

By JagranEdited By: Publish:Thu, 23 Mar 2017 02:46 AM (IST) Updated:Thu, 23 Mar 2017 02:46 AM (IST)
नर्सो के लिए खुलेगा स्किल लैब, मिलेगा अत्याधुनिक प्रशिक्षण
नर्सो के लिए खुलेगा स्किल लैब, मिलेगा अत्याधुनिक प्रशिक्षण

संवाद सहयोगी, जमशेदपुर : नर्सो को हुनरमंद बनाने के लिए जल्द ही महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज अस्पताल व सदर अस्पताल में स्किल लैब खोले जाएंगे। बुधवार को रांची में स्वास्थ्य विभाग की ओर से आयोजित बैठक में इसपर विशेष जोर दिया गया।

इस लैब में अस्पतालों में प्रसव सुनिश्चित करने के लिए सहिया, एएनएम व नर्सो को विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसमें प्रसव के दौरान जच्चा-बच्चा की जान बचाना व सुरक्षित प्रसव के बाद नवजात शिशु का सही विकास सुनिश्चित करना सहित अन्य कार्य शामिल रहेगा। ताकि ग्रामीण व शहरी क्षेत्र में एक समान सुविधा बहाल हो सके।

बैठक में शामिल होने के लिए एमजीएम अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ. भारतेंदू भूषण, एएनएम स्कूल की प्रिंसिपल रेखा मिश्रा, जीएनएम स्कूल की प्रिंसिपल जोजो वाय, तिरूपती गए थे।

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शिशु मृत्यु दर पर लगेगी लगाम

जिले के सभी सरकारी अस्पतालों को आधुनिक सुविधाओं से लैस करने की योजना पर काम चल रहा है। इसे देखते हुए चिकित्सक, नर्स व कर्मचारियों को नई-नई तकनीकों से अपडेट करने के विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है। चिकित्सकों का कहना है कि इससे मरीजों को बेहतर सुविधा तो मिलेगी ही शिशु मृत्यु दर पर में भी कमी आएगी। इसके लिए एएनएम व नर्सिग स्टाफ को तमाम वैकल्पिक तरीकों से सुरक्षित प्रसव के लिए प्रशिक्षित किया जाता है।

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स्किल लैब में इन बिंदुओं पर प्रशिक्षण

- प्रसव पूर्व : संभावित प्रसव तिथि का आंकलन, रक्तचाप व वजन लेना, गर्भस्थ शिशु के दिल की आवाज सुनना, हीमोग्लोबिन, यूरिन, मलेरिया, ब्लड, शुगर व अन्य जांचें।

- प्रसव काल : लेबर रूम की तैयारियां, शिशु की सुरक्षा के लिए जरूरी पार्टोग्राफ परीक्षण, सामान्य प्रसव।

- जटिलता प्रबंधन : ग्लूकोज व खून चढ़ाने, कैथेटर लगाने व शॉक लगाने से बचाव के तरीके।

- नवजात शिशु : सामान्य शिशु के लिए जरूरी उपचार, तापमान लेना, स्तनपान प्रोत्साहन, सक्शन मशीन का प्रयोग, ऑक्सीजन प्रबंधन, नेब्युलाइजर का प्रयोग।

- संक्रमण नियंत्रण : हाथ धोना, क्लोरीन सल्यूशन तैयार करना, उच्चस्तरीय विसंक्रमण, जैविक कचरे का निस्तारण।

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