विधानसभा में गूंजा बीटीएम श्रमिकों का मामला

ओडिशा विधानसभा के शीतकालीन सत्र में शनिवार को नगर में बंद पड़ी भास्कर टेक्सटाइल मिल, बीटीएम में कार्यरते रहे श्रमिकों का मामला गूंजा।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 17 Nov 2018 09:57 PM (IST) Updated:Sat, 17 Nov 2018 09:57 PM (IST)
विधानसभा में गूंजा बीटीएम श्रमिकों का मामला
विधानसभा में गूंजा बीटीएम श्रमिकों का मामला

संसू, झारसुगुड़ा : ओडिशा विधानसभा के शीतकालीन सत्र में शनिवार को नगर में बंद पड़ी भास्कर टेक्सटाइल मिल (बीटीएम) में कार्यरत रहे श्रमिकों के बकाया भुगतान का मामला गूंजा। क्षेत्रीय विधायक नवकिशोर दास ने सदन में यह मुद्दा उठाते हुए सरकार से सवाल किया कि झारसुगुड़ा में भास्कर टेक्सटाइल मिल (बीटीएम) कब से बंद है। इसमें कितने कर्मचारी कार्यरत थे। उनका वैधानिक बकाया जैसे भविष्य निधि फंड जमा, वेतन, ग्रेच्युटी, ईएसआई आदि मद में कितने रुपये बकाया है। इसके साथ ही विधायक ने मिल की चल-अचल संपत्ति की कीमत तथा इसका आकलन कब किया गया, इसका भी ब्योरा मांगा। साथ ही बंद पड़ी मिल के श्रमिकों का वैधानिक देय प्रदान करने के लिए सरकार अब तक क्या कदम उठाई है। इसका पूरा विवरण देने का आग्रह किया।

सरकार की ओर से विधायक के इसवालों का जवाब देते हुए हस्तशिल्प मंत्री स्नेहागिनी छुरिया ने बताया कि बीटीएम वर्ष 1988 से संपूर्ण रूप से बंद है। उक्त मिल में कुल 2210 कर्मचारी व श्रमिक काम करते थे। सभी का वैधानिक देय जिसमें वेतन, भविष्यनिधि फंड, ईएसआई व ग्रेच्युटी, सब मिलाकर सात करोड़ 97 लाख रुपये देना बाकी है। वैधानिक देय प्रदान करने सहित अन्य प्रकार के बकाया प्रदान करने के लिए एक मामला उच्च न्यायालय में विचाराधीन है।

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