नयागड परी हत्या मामला: एसआईटी जांच प्रक्रिया से हाईकोर्ट संतुष्ट, 25 मार्च को अगली सुनवाई
Nayagad Pari Murder Caseओडिशा हाइकोर्ट में नयागड परी हत्या मामले की सुनवाई हुई। टीम की जांच रिपोर्ट को देख कर हाईकोर्ट ने उसे संतोषजनक बताया स मामले की अगली सुनवाई मार्च 25 तारीख को टाल दी गई है।
कटक, जागरण संवाददाता। बहुचर्चित नयागड परी हत्या मामले की जांच को लेकर हाईकोर्ट ने संतोष जताया है। हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉक्टर जस्टिस एस.मुरलीधर और जस्टिस संजू पंडा को लेकर गठित खंडपीठ की अदालत में जनहित याचिका की सुनवाई हुई थी। जांच को लेकर पहले से दाखिल 3 स्टेटस रिपोर्ट को हाईकोर्ट के खंडपीठ ने देखा। वर्ष 2020 दिसंबर 15 में पहला, दिसंबर 23 में दूसरा और 11 जनवरी 2021 में तीसरी रिपोर्ट दाखिल की गई थी।
उस रिपोर्ट के अनुसार क्राइम ब्रांच के आइजी की अगुवाई में स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम ने घटना की जांच की है। जांच करने वाली इस टीम की जांच रिपोर्ट को देख कर हाईकोर्ट ने उसे संतोषजनक कहा है। इस मामले की अगली सुनवाई मार्च 25 तारीख को टाल दी गई है। उसी समय के दौरान जांच का स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने के लिए अदालत ने फिर से निर्देश जारी किया है। दूसरी और आवेदनकारी वकील पदमालय महापात्र की ओर से और एक हलफनामा अदालत में दाखिल किया गया है। परी हत्या घटने की निष्पक्ष जांच के लिए जांच की जिम्मेदारी सीबीआइ को दिया जाए यह बात उस हलफनामे में दर्शायी गई है।
हत्या मामले में एसआईटी की टीम द्वारा गिरफ्तार होने वाला आरोपी एक नाबालिग है। लेकिन ऐसे में उसे जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड के पास हाजिर किया जाना चाहिए था। जबकि एसआइटी की टीम ने आरोपी को 18 साल से अधिक उम्र दर्शाते हुए पोक्सो अदालत में हाजिर किया था। इस संवेदनशील घटना को लेकर जिस तरह से जांच कर रही एसआईटी की टीम उस पर राज्य के लोगों का भरोसा नहीं है। ओडिशा पुलिस से तकनीकी जांच की नजरिए से बेहतर है सीबीआ। ऐसे में इस घटना की जांच के लिए सीबीआई को निर्देश दिया जाए यह बात हलफनामे में दर्शाया गया है। इस हलफनामे के साथ-साथ भारतीय विकास परिषद की ओर से पहले से दायर दो मिस केस आवेदन पर भी सुनवाई आगामी 25 मार्च को होगी।