Odisha: बिना अनुमति तीर्थयात्रा पर जाने वाले शिक्षकों की बढ़ी परेशानी, बीईओ ने दिए जांच के निर्देश

BEO of Odisha. दोनों ही प्रधान शिक्षक वेतन बंद करने के साथ लिखित तौर पर जवाब मांगे जाने की बात ब्लाक शिक्षा अधिकारी ने कही है।

By Sachin MishraEdited By: Publish:Sun, 22 Dec 2019 01:45 PM (IST) Updated:Sun, 22 Dec 2019 01:45 PM (IST)
Odisha: बिना अनुमति तीर्थयात्रा पर जाने वाले शिक्षकों की बढ़ी परेशानी, बीईओ ने दिए जांच के निर्देश
Odisha: बिना अनुमति तीर्थयात्रा पर जाने वाले शिक्षकों की बढ़ी परेशानी, बीईओ ने दिए जांच के निर्देश

भुवनेश्वर, जागरण संवाददाता। BEO of Odisha. बिना अनुमति के तीर्थ यात्रा करने जाने वाले दो प्रधान शिक्षक अब दुविधा में पड़ गए हैं। ये प्रधान शिक्षक हैं, जाजपुर जिले के कोराइगाड़िया प्रोजेक्ट प्राइमरी स्कूल के शरण कुमार राउत तथा सहड़ाकोली प्रोजेक्ट प्राइमरी स्कूल के विद्याधर सेठी। वार्षिक परीक्षा सामने हैं, ऐसे में बिना अनुमति के ये दोनों प्रधान शिक्षक मथुरा एवं काशी तथा वृंदावन तीर्थ यात्रा पर जाने की बात पता चली है। यह आरोप सामने आने के बाद शनिवार को ही सीआरसी को घटना की जांच के लिए ब्लाक शिक्षा अधिकारी (बीईओ) ने निर्देश दिया था।

निर्देश मिलने के बाद सीआरसीसी दोनों स्कूल में गए और जांच किए थे। प्रधान शिक्षक दोनों ने छुट्टी के लिए आवेदन दिया हुआ है, किन्तु उनके आवेदन को मंजूरी नहीं मिली है। उसी तरह ब्लाक शिक्षा अधिकारी ने कहा है कि हमारी किसी ने अनुमति नहीं ली है। इस घटना में दोनों ही प्रधान शिक्षक वेतन बंद करने के साथ लिखित तौर पर जवाब मांगे जाने की बात ब्लाक शिक्षा अधिकारी ने कही है। फोन पर सहाड़ाकोली स्कूल के प्रधान शिक्षक से संपर्क करने पर उन्होंने अपनी गलती को स्वीकार किया है।

उल्लेखनीय है ओडिशा में वार्षिक परीक्षा आगामी फरवरी महीने से शुरू होने वाली हैं। ऐसे में ब्लाक शिक्षा अधिकारी के अनुमति मिले बगैर प्रधान शिक्षक किस प्रकार से तीर्थ पर निकल गए। इसे लेकर लोगों ने सवाल खड़ा किया है। यही कारण है कि आम लोगों की शिकायत के बाद शिक्षा विभाग ने इस पर संज्ञान लेते हुए शिक्षकों पर उपरोक्त कार्रवाई की है। लोगों का कहना है कि किसी परीक्षा से ठीक पहले यदि किसी स्कूल का प्रधान शिक्षक ही तीर्थ पर चला जाएगा तो फिर उस स्कूल में किस प्रकार की पढ़ाई होगी, उस संदर्भ में सहजता से अनुमान लगाया जा सकता है। फिलहाल, शिक्षा विभाग ने इस मामले को गंभीरता से लिया। 

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