Odisha Crime: आत्मदाह का प्रयास करने वाले व्यक्ति की मौत, नुआपाड़ा तहसीलदार निलंबित

नुआपाड़ा तहसील कार्यालय के सामने आत्मदाह का प्रयास करने वाले व्यक्ति जगदीश चौहान की शुक्रवार को इलाज के दौरान मौत हो गई। इसके बाद नुआपाड़ा तहसीलदार को निलंबित कर दिया गया है। पीड़ित का विम्सर में इलाज चल रहा था।

By Kamal Kumar BiswasEdited By: Publish:Sat, 18 Mar 2023 11:10 PM (IST) Updated:Sat, 18 Mar 2023 11:10 PM (IST)
Odisha Crime: आत्मदाह का प्रयास करने वाले व्यक्ति की मौत, नुआपाड़ा तहसीलदार निलंबित
आत्मदाह का प्रयास करने वाले व्यक्ति की मौत

अनुगुल/भुवनेश्वर, संवाद सूत्र। ओडिशा के नुआपाड़ा तहसील कार्यालय के सामने आत्मदाह का प्रयास करने वाले व्यक्ति जगदीश चौहान की शुक्रवार को इलाज के दौरान मौत हो गई।

इस बीच नुआपाड़ा जिला प्रशासन के अधिकारियों ने कहा कि नुआपाड़ा तहसीलदार देबेंद्र कुमार राउत को भूमि विवाद मामले में जगदीश चौहान द्वारा दर्ज की गई शिकायतों को गलत तरीके से निपटाने के कारण ओडिशा सरकार ने निलंबित कर दिया है। पीड़ित का विम्सर में इलाज चल रहा था।

अनुशात्मक कार्रवाई के बाद किया निलंबित

राउत के निलंबन की जानकारी शुक्रवार को सूचना एवं जन सूचना विभाग ने दी। आई एंड पीआर द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार नुआपाड़ा तहसीलदार देबेंद्र कुमार राउत, ओएएस-ए (जेबी) को उनके खिलाफ शुरू की गई अनुशासनात्मक कार्यवाही पूरी होने के बाद निलंबित कर दिया गया है।

राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के पत्रांक 9942 दिनांक 17 मार्च 2023 के अनुसार निलम्बन अवधि में इनका मुख्यालय राजस्व संभागीय आयुक्त कार्यालय संबलपुर में स्थानान्तरित किया गया है। वह राजस्व संभागीय आयुक्त की अनुमति के बिना मुख्यालय नहीं छोड़ सकते हैं।

तहसील कार्यलय के सामने खुद को लगाई आग

चौहान जोंक-खरियार रोड थाना क्षेत्र के कल्याणपुर गांव का रहने वाला था। चौहान ने भूमि विवाद मामले के निपटारे में देरी और राजस्व अधिकारियों द्वारा कथित निष्क्रियता को लेकर गुरुवार को नुआपाड़ा तहसील कार्यालय के सामने पेट्रोल डालकर खुद को आग लगा ली थी।

इस आत्मदाह में वह 80 प्रतिशत तक जल गया था और संबलपुर जिले के विम्सर, बुर्ला में इलाज के दौरान शुक्रवार को उसकी मौत हो गई।

अधिकारियों ने कहा कि चौहान ओडिशा भूमि सुधार (ओएलआर) अधिनियम, 1960 की धारा 22 के तहत अपने पिता आत्माराम हरिजन से विरासत में मिली 3.12 एकड़ भूमि के बंदोबस्त की अनुमति मांग रहा था।

पिछले साल जनवरी से वह इस मामले में दौड़भाग कर रहा था । बाद में उसे उपजिलाधिकारी तारिणीसेन नायक ने जमीन के सत्यापन के लिए राउत से मिलने का निर्देश दिया था।

9 महीने से मामले को दबाए रखने का आरोप

चौहान ने मरने से पहले आरोप लगाया था कि राउत मामले को पिछले नौ महीने से दबाए बैठे हैं और कोई कार्रवाई शुरू नहीं कर रहे हैं।

चौहान के परिवार के सदस्यों ने कहा कि वह इतने दौड़भाग के बाद भी काम न होने के कारण गंभीर मानसिक दबाव में था जिसके बाद चौहान आत्मदाह करने के लिए मजबूर हो गया था।

chat bot
आपका साथी