राधिका मर्चेंट से सगाई के बाद आज अनंत अंबानी पहुंचेंगे पुरी, लेंगे प्रभु जगन्नाथ का आशीर्वाद
सोमवार को गुवाहाटी में नीलाचल पहाड़ियों के ऊपर कामाख्या मंदिर का दर्शन किया और देवी मां का आशीर्वाद लिया और आज वह भगवान जगन्नाथ का आशीर्वाद लेने के लिए तीर्थ नगरी पुरी पहुंचेंगे। इसके लिए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं।
अनुगुल, जागरण संवाददाता। अरबपति उद्योगपति मुकेश अंबानी और नीता अंबानी के सबसे छोटे बेटे अनंत अंबानी, जिनकी हाल ही में राधिका मर्चेंट से सगाई हुई थी, आज भगवान जगन्नाथ का आशीर्वाद लेने के लिए तीर्थ नगरी पुरी पहुंचेंगे। अनंत जल्द ही भुवनेश्वर के बीजू पटनायक अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे (बीपीआईए) पर उतरेंगे। अंबानी परिवार के दौरे को देखते हुए हवाईअड्डे पर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। भुवनेश्वर से वह सीधे पुरी में भगवान जगन्नाथ के मंदिर जाएंगे। उनका 12वीं शताब्दी के मंदिर में प्रार्थना करने और सहोदर देवताओं के दर्शन करने का कार्यक्रम है। त्रिमूर्ति के दर्शन के बाद वह भुवनेश्वर लौट आएंगे और वापस मुंबई के लिए उड़ान भरेंगे।
सोमवार को कामाख्या मंदिर में दर्शन के लिए गए थे अनंत
गौरतलब है कि अनंत अंबानी ने सोमवार को गुवाहाटी में नीलाचल पहाड़ियों के ऊपर कामाख्या मंदिर का दर्शन किया और देवी मां का आशीर्वाद लिया। जनवरी को अनंत की सगाई शैला और वीरेन मर्चेंट की बेटी राधिका मर्चेंट से परिवार, दोस्तों और श्रद्धेय परंपराओं के बीच मुंबई में अंबानी निवास एंटिला में हुई। सगाई समारोह में कई ए-लिस्टर्स बॉलीवुड और क्रिकेटर शामिल हुए। इस पार्टी में सुपरस्टार शाहरुख खान से लेकर सलमान खान तक लगभग सभी सेलिब्रेटी मौजूद थे।
प्रभु जगन्नाथ का मंदिर भगवान श्रीकृष्ण को समर्पित
यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि ओडिशा के समुद्री तट पर बसे प्रभु जगन्नाथ भगवान विष्णु के आठवें अवतार भगवान श्रीकृष्ण को समर्पित है। मंदिर का निर्माण मालवा के राजा इंद्रदयुम्न ने कराया था। इस प्राचीन मंदिर का जिक्र महाभारत के वनपर्व में भी मिलता है। मंदिर का क्षेत्रफल 4 लाख वर्गफुट है और यहां की रसोई दुनिया की सबसे बड़ी रसोई है, जहां लकड़ी के चूल्हे में प्रसाद बनाया जाता है और सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि प्रसाद बनाने के लिए चूल्हे पर एक के ऊपर एक सात बर्तनों को चढ़ाया जाता है और जो बर्तन सबसे ऊपर होता है यानि कि सातवें नंबर के बर्तन का प्रसाद सबसे पहले बनकर तैयार होता है और सबसे नीचे के बर्तन का प्रसाद सबसे आखिर में बनता है।
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