भुवनेश्वर में RSS की तीन दिवसीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक, पहुंच रहे हैं मोहन भागवत

भुवनेश्‍वर में 16 से 18 अक्टूबर तक आरएसएस की तीन दिवसीय बैठक का आयोजन होगा जिसमें संघचालक मोहन भागवत भाग लेने के लिए पहुंच रहे हैं।

By Babita kashyapEdited By: Publish:Fri, 11 Oct 2019 02:43 PM (IST) Updated:Fri, 11 Oct 2019 02:43 PM (IST)
भुवनेश्वर में RSS की तीन दिवसीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक, पहुंच रहे हैं मोहन भागवत
भुवनेश्वर में RSS की तीन दिवसीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक, पहुंच रहे हैं मोहन भागवत

भुवनेश्वर, शेषनाथ राय। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) के सर संघचालक मोहन भागवत आगामी 12 से 20 अक्टूबर तक भुवनेश्वर में आयोजित होने जा रहे संघ के अखिल भारतीय कार्यकारिणी मंडल कार्यक्रम में भाग लेने के 12 अक्टूबर को भुवनेश्वर पहुंच रहे हैं। मिली जानकारी के मुताबिक भुवनेश्वर स्थित सोआ यूनिवर्सिटी में आयोजित होने वाले इस कार्यक्रम में आरएसएस प्रमुख 9 दिनों तक उपस्थित रहेंगे। 13 अक्टूबर को कोर टीम की बैठक होगी। संघ की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक 16 से 18 अक्टूबर को होगी, जिसमें भाजपा के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष जे.पी.नड्डा के उपस्थित रहने का कार्यक्रम है।

भुवनेश्वर में आयोजित होने जा रहे इस कार्यक्रम में सभी प्रांत एवं क्षेत्र से प्रचारक, कार्यवाहक तथा संघचालक एवं अखिल भारतीय कार्यकारिणी के साथ करीबन 400 प्रतिनिधियों के भाग लेने का कार्यक्रम है। इस कार्यक्रम में संगठन को और अधिक मजबूत बनाने, साल भर के कार्यक्रम की समीक्षा करने के साथ आगामी एक साल की योजना भी बनायी जाएगी। बैठक को लेकर स्थानीय स्वयं सेवकों स्थानीय भाजपा नेताओं में उत्साह का माहौल देखा जा रहा है। 

वहीं दूसरी तरफ आरएसएस की अखिल भारतीय कार्यकारिणी मंडल बैठक भुवनेश्वर में आयोजित होने को लेकर अब बीजू जनता दल के भविष्य को लेकर राजनीति शुरू हो गई है। राजनीति क्षेत्र में हो रही चर्चा के मुताबिक 2009 में भाजपा के साथ संपर्क तोड़ने के बाद से बीजद पिछले 10 साल से भाजपा एवं कांग्रेस से समान दूरी बनाकर चल रही थी। वही बीजद अब 2019 में हुए आम चुनाव के बाद ओडिशा के हित के लिए किसी भी पार्टी को प्रसंग आधारित समर्थन देने की बात करने लगी है और भाजपा से अपनी नजदीकी भी बढ़ाने लगी है। यह सब संघ परिवार की कड़ी मेहनत एवं भाजपा के बढ़ते जनाधार का ही परिणाम है। इसके अलावा विभिन्न भ्रष्टाचार मामले में सीबीआई जांच का डर भी बीजद नेताओं को सताने लगा है। पहले ही उसके कई नेता सीबीआई के चंगुल में फंस चुके हैं। यही कारण है कि संसद में कई ऐसे मामले आए जिसमें बीजद ने केन्द्र की भाजपा सरकार को नि:शर्त समर्थन दिया। वहीं पिछले कुछ दिनों से भाजपा राज्य सरकार पर लगातार हमलावर है।

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इसी बीच सक्रिय राजनीति से दूरी बनाए रखने वाली आरएसएस संघ परिवार द्वारा अपने वार्षिक अखिल भारतीय कार्यकारिणी मंडल बैठक के लिए ओड़िशा का चयन करना ओड़िशा की राजनीति के लिए काफी मायने रख रहा है। इस बैठक में संघ के अखिल भारतीय पदाधिकारी, 11 क्षेत्रीय अधिकारी, 42 प्रादेशिक प्रचारक के साथ आरएसएस के साथ जुड़े भाजपा के शीर्ष नेता शामिल हो रहे हैं।

आरएसएस के तीन दिवसीय इस कार्यक्रम के लिए खुद सर संघचालक मोहन भागवत 9 दिन तथा भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष जे.पी.नड्डा तीन दिन ओड़िशा में प्रवास करने वाले हैं जो बीजद के लिए सतर्क सूचना मानी जा रही है। भारतीय जनता पार्टी के फोकस में ओड़िशा पहले से ही है और ऐसे में ओड़िशा में संघ परिवार के इस महत्वपूर्ण सांगठनिक कार्यक्रम पर हर किसी की नजरें टिकी हुई हैं।

राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि ओडिशा में संघ अपने संगठन को बढ़ाने पर बल देगा, जो कि राज्य में मुख्य विरोधी दल के रूप में उभरी भाजपा के लिए सहायक होगा और सत्ताधारी बीजद को अपने वोट बैंक को बचाए रखना बड़ी चुनौती।

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