यूरोप से अमेरिका आने वाली फ्लाइट्स में लैपटॉप पर लग सकता है प्रतिबंध

खुफिया एजेंसियों ने सूचना दी है कि इस्लामिक स्टेट (आईएस) अब विस्फोटक या छोटे बम छिपाने के लिए इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के इस्‍तोमाल के बारे में सोच रहा है।

By Tilak RajEdited By: Publish:Thu, 11 May 2017 11:09 AM (IST) Updated:Thu, 11 May 2017 11:09 AM (IST)
यूरोप से अमेरिका आने वाली फ्लाइट्स में लैपटॉप पर लग सकता है प्रतिबंध
यूरोप से अमेरिका आने वाली फ्लाइट्स में लैपटॉप पर लग सकता है प्रतिबंध

न्‍यूयॉर्क, एएनआइ। यूएस डिपार्टमेंट ऑफ होमलैंड सिक्योरिटी सुरक्षा की दृष्टि से यूरोप से अमेरिका के लिए उड़ान भरने वाले सभी विमानों में लैपटॉप और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों पर प्रतिबंध लगाने पर विचार कर रही है। नियमों में बदलाव करते हुए अमेरिका ने इस साल मार्च में कुछ मिडिल ईस्‍ट और अफ्रीकी देशों की उड़ानों में भी लैपटॉप और इलेक्‍ट्रॉनिक उपकरणों पर प्रतिबंध लगा दिया था। अब ये प्रतिबंध यूरोप से अमेरिका आने वाली उड़ानों पर भी लगाने के बारे में सोचा जा रहा है।  

संयुक्त राष्ट्र ने हाल ही में ब्रिटेन, फ्रांस और स्वीडन में हुए हालिया आतंकवादी हमले के बाद यूरोप जाने वाले अपने नागरिकों के लिए मई में एक नया 'टैरेर अलर्ट' जारी किया था। यह यूरोप में सर्दी की छुट्टी के त्योहारों, अन्‍य कार्यक्रमों और आउटडोर मार्केट में खतरे पर केंद्रित है।

दरअसल, खुफिया एजेंसियों ने सूचना दी है कि इस्लामिक स्टेट (आईएस) अब विस्फोटक या छोटे बम छिपाने के लिए इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के इस्‍तोमाल के बारे में सोच रहा है। वाशिंगटन पोस्ट ने मुताबिक, डिपार्टमेंट ऑफ होमलैंड सिक्योरिटी के प्रवक्ता डेविड ने कहा, 'विमान के केबिन में बड़े इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों पर प्रतिबंध को बढ़ाने के लिए कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है।'

आतंकी समूहों ने हमलों को जारी रखने के लिए नवीन तकनीकों को अपनाया है और अब विशेष रूप से परिवहन स्थलों को लक्षित कर रहे हैं, जिसमें अक्टूबर 2015 में मिस्र की एक एयरलाइनर पर की गई बमबारी भी शामिल है। इन नए नियमों की वजह से उन लोगों को अमेरिका में प्रवेश के दौरान खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, जिनके पास ईरान, इराक, सूडान या सीरिया में दोहरी नागरिकता है।

अमेरिका के नए नियमों से जो हवाई अड्डे प्रभावित हो रहे हैं, उनमें मिस्र, जॉर्डन, कुवैत, मोर्रोको, कतर, तुर्की, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात शामिल हैं।

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