'अकेले पलायन करने वाले बच्चों की संख्या बढ़ी, देह व्यापार में फंसने को हुए मजबूर'

वर्ष 2016 और वर्ष 2017 की शुरुआत में इनमें से लगभग 92 फीसदी लड़के और लड़कियां नौकाओं में सवार होकर इटली आए।

By Tilak RajEdited By: Publish:Fri, 19 May 2017 08:30 AM (IST) Updated:Fri, 19 May 2017 08:30 AM (IST)
'अकेले पलायन करने वाले बच्चों की संख्या बढ़ी, देह व्यापार में फंसने को हुए मजबूर'
'अकेले पलायन करने वाले बच्चों की संख्या बढ़ी, देह व्यापार में फंसने को हुए मजबूर'

सेनेगल, एजेंसी। संयुक्त राष्ट्र की बाल अधिकारों के लिए काम करने वाली एजेंसी यूनिसेफ ने कहा है कि दो साल में दुनियाभर से तीन लाख से अधिक बच्चों ने अकेले पलायन किया और यह चलन तेजी बढ़ रहा है। इसकी वजह से कम उम्र के अनेक शरणार्थी गुलामी और देह व्यापार के दलदल में धंसने को मजबूर हैं।

यूनिसेफ का कहना है कि अकेले यात्रा करने वाले बच्चों की संख्या में वर्ष 2010-2011 से पांच गुना इजाफा हुआ है। यूनिसेफ ने कहा कि इनमें से 1.70 लाख बच्चों ने वर्ष 2015-16 में यूरोप में शरण ली। इनमें से अनेक शरणार्थी भूमध्यसागर की दुर्गम यात्रा कर यहां पहुंचे जहां एक अनुमान के मुताबिक, पिछले वर्ष सैकड़ों बच्चों की डूबकर मौत हो गई थी।

यूनिसेफ के मुताबिक, ये बच्चे मुख्यत: एरिट्रिया, गाम्बिया, नाइजीरिया, मिस्र और गिनी जैसे अफ्रीकी देशों से आए। यूनिसेफ के उप कार्यकारी निदेशक जस्टिन फोरसिथ ने कहा, 'तस्कर अपने फायदे के लिए उनका इस्तेमाल करते हैं, सीमा पार करने में बच्चों की मदद करते हैं और उन्हें गुलाम के रूप में बेच देते हैं या फिर देह व्यापार में धकेल देते हैं। यह अनुचित है कि हम इन शिकारियों से बच्चों का पर्याप्त बचाव नहीं कर पा रहे हैं।'

वर्ष 2016 और वर्ष 2017 की शुरुआत में इनमें से लगभग 92 फीसदी लड़के और लड़कियां नौकाओं में सवार होकर इटली आए। ये अकेले ही यात्रा पर आए या फिर यात्रा के दौरान अपने परिजन से बिछड़ गए।

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