मशीनों को बुद्धि देना हो सकता है खतरनाक : हॉकिंग

ऐसा हुआ तो मनुष्य अपनी ही बरबादी का किस्सा गढ़ने वाला जीव बनकर रह जाएगा।

By Sachin BajpaiEdited By: Publish:Fri, 21 Oct 2016 03:06 AM (IST) Updated:Fri, 21 Oct 2016 05:21 AM (IST)
मशीनों को बुद्धि देना हो सकता है खतरनाक : हॉकिंग

लंदन, प्रेट्र : मशीनों में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआइ) यानी कृत्रिम बुद्धिमत्ता पर महान ब्रिटिश वैज्ञानिक स्टीफन हॉकिंग ने चेताया है। उनका कहना है कि तमाम अच्छाइयों के बावजूद मशीनों को बुद्धि देना मानव इतिहास की सबसे बुरी घटना हो सकती है। ऐसा हुआ तो मनुष्य अपनी ही बरबादी का किस्सा गढ़ने वाला जीव बनकर रह जाएगा।

हॉकिंग ब्रिटेन की कैंब्रिज यूनिवर्सिटी में लिवरहम सेंटर फॉर द फ्यूचर ऑफ इंटेलीजेंस (एलसीएफआइ) के उद्घाटन के मौके पर बोल रहे थे। उन्होंने कहा, 'मुझे लगता है कि आज की तारीख में मनुष्य के दिमाग और कंप्यूटर में बहुत फर्क नहीं रह गया है। एआइ इसी कड़ी की चीज है। मैं मानता हूं कि एआइ का विकास मानव सभ्यता की सबसे बड़ी कामयाबी हो सकती है लेकिन यदि इसके खतरों से निपटने के तरीके नहीं समझे गए तो यह आखिरी उपलब्धि बनकर रह जाएगी।' एआइ के दुष्प्रभाव को लेकर हॉकिंग ने कहा, 'इससे शक्तिशाली स्वचालित हथियार बनाए जा सकते हैं।

ब्रिटिश वैज्ञानिक स्टीफन हॉकिंग की चेतावनी, एलियन से रहो दूर

मशीनों की सोच मनुष्य की सोच से टकरा सकती है, जिससे भयावह स्थिति पैदा हो जाएगी। इसीलिए दो साल पहले मैंने और कई लोगों ने इस पर विस्तृत शोध की जरूरत बताई थी। मुझे खुशी है कि कुछ लोग हमारी बात सुन रहे हैं।' हॉकिंग हालांकि इसके अच्छे पक्ष को भी नजरअंदाज नहीं करते। उन्हें उम्मीद है कि मशीनों को बुद्धि देकर मानव औद्योगिकीकरण के कारण प्रकृति को हुए नुकसान की भरपाई करने में भी सक्षम हो सकता है।

क्या है एआइ

आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआइ) कंप्यूटर और रोबोटिक्स की दुनिया में क्रांति जैसी है। यह किसी रोबोट को बुद्धि और समझ देने जैसा है। एआइ युक्त रोबोट या यंत्र अपने आसपास के परिवेश के हिसाब से खुद फैसले करने में सक्षम होते हैं। यह हॉलीवुड की उन फिल्मों जैसा है, जिसमें हीरो अपने रोबोट से बातें करता है और सलाह लेता है।

क्या हैं खतरे

एआइ युक्त मशीनों से जितने फायदे हैं, उतने ही खतरे भी हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि सोचने-समझने वाले रोबोट अगर किसी कारण या परिस्थिति में मनुष्य को अपना दुश्मन मानने लगें, तो मानवता के लिए खतरा पैदा हो सकता है। सभी मशीनें और हथियार बगावत कर सकते हैं। ऐसी स्थिति की कल्पना हॉलीवुड की 'टर्मिनेटर' जैसी फिल्म में की गई है।

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