बंद कमरे में शुरू हुई भारत-पाक सिंधु जल आयोग की बैठक

जम्मू-कश्मीर में जारी जलविद्युत परियोजनाओं पर पाकिस्तान अपनी चिंताएं जता सकता है।

By Lalit RaiEdited By: Publish:Mon, 20 Mar 2017 07:21 PM (IST) Updated:Tue, 21 Mar 2017 07:44 AM (IST)
बंद कमरे में शुरू हुई भारत-पाक सिंधु जल आयोग की बैठक
बंद कमरे में शुरू हुई भारत-पाक सिंधु जल आयोग की बैठक

इस्लामाबाद, प्रेट्र । सिंधु जल आयोग की दो दिवसीय बैठक सोमवार को बंद कमरे में शुरू हो गई। इसमें भारत और पाकिस्तान के अधिकारियों ने सिंधु बेसिन से जुड़ी समस्याओं पर विचार-विमर्श किया। उड़ी आतंकी हमले के चलते दोनों देशों के रिश्तों में आए तनाव के कारण यह बैठक करीब दो साल बाद हो रही है।सिंधु जल आयुक्त पीके सक्सेना के नेतृत्व में 10 सदस्यीय भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने पाकिस्तानी पक्ष के साथ बातचीत की। पाकिस्तानी दल का नेतृत्व मिर्जा आसिफ सईद कर रहे हैं।

पाकिस्तान के जल और ऊर्जा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने इस वार्ता की शुरुआत को दोनों देशों के संबंधों के लिए अच्छा बताया। एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच रातले जलविद्युत संयंत्र पर सचिव स्तर की वार्ता अगले महीने की 12 तारीख को वाशिंगटन में शुरू होगी। उन्होंने उम्मीद जताई कि भारत और पाकिस्तान के स्थायी सिंधु जल आयुक्तों की बैठक के बाद स्थितियां सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ेंगी।

बताते हैं कि इस बैठक के दौरान पाकिस्तान भारत से उसकी ओर बहने वाली नदियों पर तीन भारतीय जलविद्युत परियोजनाओं (पाकल दुल, मियार, कालनई) पर अपनी चिंताएं प्रकट करेगा। 1,000 मेगावाट की पाकल दुल परियोजना चिनाब नदी पर, 120 मेगावाट की मियार परियोजना चिनाब के मियार नल्ला पर और 43 मेगावाट की कालनई परियोजना निचली कालनई नल्ला पर निर्माणाधीन हैं।

पाकिस्तान का कहना है कि ये परियोजनाएं 1960 की सिंधु जल संधि का उल्लंघन है। पाकल दुल और मियार परियोजना जम्मू-कश्मीर में और कालनई परियोजना हिमाचल प्रदेश के लाहौल स्पीति जिले में स्थित है। सोमवार को शुरू हुई बैठक स्थायी सिंधु जल आयोग का 113वां सत्र है। आयोग की पिछली बैठक 2015 में हुई थी। सितंबर 2016 में भी इसकी एक बैठक प्रस्तावित थी, लेकिन उड़ी आतंकी हमले के कारण इसे निरस्त कर दिया गया था। 

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