बांग्लादेश में विस्फोट मामले में छह आतंकियों को मौत की सजा
हाई कोर्ट ने जिन आतंकियों की मौत की सजा को बरकरार रखा है, उनके नाम- इनायतउल्ला, अरीफुर रहमान, सैदुर रहमान मुंशी, अब्दुल्ला अल सोहेन, निजामुद्दीन रेजा और तैबुर रहमान हसन हैं।
ढाका, आइएएनएस। बांग्लादेश में बम विस्फोट के मामले में हाई कोर्ट ने छह आतंकियों को फांसी की सजा बरकरार रखी है। दो दोषियों को राहत देते हुए उन्हें उम्रकैद की सजा दी गई है जबकि दो को दोषमुक्त कर दिया गया है। निचली अदालत ने सभी को मौत की सजा सुनाई थी।
हाई कोर्ट ने जिन आतंकियों की मौत की सजा को बरकरार रखा है, उनके नाम- इनायतउल्ला, अरीफुर रहमान, सैदुर रहमान मुंशी, अब्दुल्ला अल सोहेन, निजामुद्दीन रेजा और तैबुर रहमान हसन हैं। सन 2005 में गाजीपुर अदालत परिसर में स्थित बार एसोसिएशन के दफ्तर में हुए विस्फोट में चार वकीलों समेत आठ लोग मारे गए थे। निचली अदालत ने मामले को स्पीडी ट्रायल पर लेकर जून 2013 में दस जमातुल मुजाहिदीन बांग्लादेश (जेएमबी) के दस आतंकियों को मौत की सजा सुनाई थी। यह आतंकी संगठन बांग्लादेश में इस्लामी राज कायम करना चाहता है। यह संगठन 2005 में बांग्लादेश के 63 जिलों में बम विस्फोटों के लिए भी जिम्मेदार है।
मारे गए सात आतंकियों की पहचान
बांग्लादेश पुलिस की कार्रवाई में मारे गए नौ आतंकियों में से एक बांग्लादेशी मूल के अमेरिकी शाजाद रऊफ का ताल्लुक एक जुलाई को पॉश इलाके गुलशन में हुए रेस्टोरेंट पर हमले से था। घटना में शामिल एक हमलावर बांग्लादेशी मूल के अमेरिकी का दोस्त था। रेस्टोरेंट पर आतंकी हमले में 22 लोग मारे गए थे, इनमें ज्यादातर विदेशी थे। मंगलवार को ढाका के एक उपनगर में पुलिस छापे के दौरान हुई मुठभेड़ में नौ आतंकी मारे गए थे। माना जा रहा है कि ये उसी ग्रुप के आतंकी थे जिन्होंने गुलशन इलाके में हमला किया था। मारे गए सात आतंकियों की पहचान हो गई है।
19 लाचार लोगों की जिंदगी लेने वाले हत्यारे को बिल्कुल अफसोस नहीं