Move to Jagran APP

Lok Sabha Election: छत्तीसगढ़ में मतांतरण के खिलाफ समाज के सभी वर्गों में आक्रोश, यहां है बड़ा मुद्दा; राजनीतिक पार्टियों का एक-दूसरे पर आरोप

छत्तीसगढ़ में मतांतरण (धर्म परिवर्तन) के घातक एजेंडे की वर्तमान स्थिति का अंदाजा इन हालातों से लगाया जा सकता है कि मतांतरित व्यक्ति के कफन-दफन को लेकर विवादों का सामना करना पड़ रहा है। मतांतरण के मामले में बस्तर से लेकर जशपुर सरगुजा तक विवाद है। मतांतरण के खिलाफ प्रदेश में सख्त कानून की सिफारिश हो चुकी है। विधानसभा में मुद्दा उठ चुका है।

By Ajay Singh Raghuvanshi Edited By: Jeet Kumar Published: Tue, 30 Apr 2024 06:00 AM (IST)Updated: Tue, 30 Apr 2024 06:00 AM (IST)
छत्तीसगढ़ में मतांतरण सबसे अहम मुद्दों में एक...

loksabha election banner

राज्य ब्यूरो, रायपुर। छत्तीसगढ़ में मतांतरण (धर्म परिवर्तन) के घातक एजेंडे की वर्तमान स्थिति का अंदाजा इन हालातों से लगाया जा सकता है कि मतांतरित व्यक्ति के कफन-दफन को लेकर विवादों का सामना करना पड़ रहा है। मतांतरण के मामले में बस्तर से लेकर जशपुर, सरगुजा तक विवाद है।

मतांतरण के खिलाफ प्रदेश में सख्त कानून की सिफारिश हो चुकी है। विधानसभा में मुद्दा उठ चुका है। समाज प्रमुखों और धार्मिक संगठनों ने भी मतांतरण पर खुलकर विरोध जताया है। इन सबके बीच मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है। बस्तर क्षेत्र के छिंदबाहर ग्राम पंचायत में मतांतरित व्यक्ति के अंतिम संस्कार का मामला कोर्ट के आदेश के बाद सुलझाया गया।

भाजपा का कांग्रेस पर निशाना

भाजपा ने बीते विधानसभा सत्र के दौरान आरोप लगाया था कि कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में प्रदेश में मतांतरण के 3000 से अधिक मामले दर्ज किए गए थे। भाजपा का साफ कहना है कि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की राजनीति का एक हिस्सा तुष्टीकरण और मतांतरण भी शामिल हैं।

मतांतरण के नए मसौदे पर काम

मतांतरण के विधेयक के मसौदे के मुताबिक, नाबालिग, महिलाओं, अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति के सदस्यों का अवैध रूप से मतांतरण कराने वालों को कम से कम दो वर्ष और अधिकतम 10 वर्ष की जेल होगी। साथ ही न्यूनतम 25 हजार रुपये का जुर्माना लगेगा, वहीं, सामूहिक मतांतरण पर कम से कम तीन वर्ष और अधिकतम 10 वर्ष की सजा और 50 हजार रुपये जुर्माना लगेगा। कोर्ट मतांतरण के पीड़ित को पांच लाख रुपये तक का मुआवजा भी मंजूर कर सकता है।

पूर्ववर्ती सरकार में 3500 से अधिक मामले दर्ज

मतांतरण मामले में विधानसभा सत्र के दौरान एक सवाल के जवाब में धर्मस्व व संस्कृति मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने बताया था कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार में मतांतरण के 3500 से ज्यादा शिकायतें मिली, वहीं 35 से ज्यादा मामले दर्ज किए गए। मीडिया से चर्चा करते हुए मंत्री ने कहा था कि मतांतरण संबंधी विधेयक शीतकालीन विधानसभा सत्र में प्रस्तुत किया जाएगा।

डी-लिस्टिंग में आरक्षण खत्म करने की मांग

जिन आदिवासियों ने ईसाई या अन्य धर्म को स्वीकार कर लिया है उन्हें अनुसूचित जनजाति की सूची से बाहर किया जाए। यह मांग उठ रही है। इस मांग से आदिवासी समुदाय में विवाद की स्थिति उत्पन्न हो गई है। भाजपा के कांकेर लोकसभा प्रत्याशी भोजराज नाग डी-लिस्टिंग अभियान में मतांतरित हुए लोगों का आरक्षण खत्म करने को लेकर कई रैलियां कर चुके हैं। बीते वर्ष राजधानी में आयोजित रैली में भी आदिवासी समाज के लोगों ने डी-लिस्टिंग की वकालत की थी।

मतांतरण के मुद्दे पर हम गंभीर है। गोपनीय सूचना के आधार पर हमारी टीम ने कई स्थानों पर वस्तु स्थिति जानने की कोशिश की है। हमारी मांग है कि सरकार को मतांतरण पर ठोस कानून बनाना चाहिए। साथ ही समाज में जागरूकता से ही इस स्थिति को निपटा जा सकता है।- माधव लाल यादव, प्रदेशाध्यक्ष, अखिल भारतीय वर्षीय यादव महासभा, छत्तीसढ़ प्रदेश

भूपेश बघेल की सरकार ने कुछ नहीं किया

कांग्रेस हमेशा तुष्टीकरण और मतांतरण को शह देती रही है। सुकमा के एसपी ने पूर्ववर्ती सरकार को एक पत्र लिखा था, जिसमें उन्होंने मतांतरण को गंभीर समस्या बताते हुए ठोस कार्रवाई की मांग की थी, लेकिन भूपेश बघेल की सरकार ने कुछ नहीं किया। मतांतरण का विरोध करने वालों को भूपेश बघेल ने रासुका लगातर जेल भेज दिया।- केदार गुप्ता, वरिष्ठ प्रवक्ता, भाजपा


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.