US को सऊदी अरब की चेतावनी, कहा- बेहद गंभीर होंगे 9/11 कानून के परिणाम

सऊदी अरब ने बराक ओबामा के वीटो को रद करने और 9/11 कानून के परिणामों को लेकर अमेरिका को चेतावनी दी है। उसका कहना है कि इसके गंभीर परिणाम होंगे।

By Kamal VermaEdited By: Publish:Fri, 30 Sep 2016 02:39 PM (IST) Updated:Fri, 30 Sep 2016 02:58 PM (IST)
US को सऊदी अरब की चेतावनी, कहा- बेहद गंभीर होंगे 9/11 कानून के परिणाम

रियाद (एएफपी)। सऊदी अरब और अमेरिका के बीच मौजूदा हालात में तनाव बढ़ता नजर आ रहा है। इसकी वजह सऊदी अरब की वह चेतावनी है जो उसने अमेरिका को दी है। इसमें उसने कहा है कि अमेरिका के 9/11 कानून के परिणाम विध्वसंकारी होंगे। दरअसल इस कानून के तहत हमले के पीड़ितों को सऊदी के खिलाफ मुकदमा करने की इजाजत होगी। पहले इस पर ओबामा ने वीटो अधिकार के तहत इजाजत देने से इंकार कर दिया था।

सऊदी की ओर से यह चेतावनी इसलिए दी गई क्योंकि बुधवार को अमेरिकी कांग्रेस ने देशों के बीच संबंधों से जुड़े कानून आतंकी गतिविधियों के प्रायोजकों के खिलाफ न्याय (जेएएसटीए) के पक्ष में राष्ट्रपति बराक ओबामा के वीटो की अवहेलना करते हुए बड़ी संख्या में मतदान किया। जेएएसटीए हमले के पीड़ितों और आतंकवाद पीड़ितों के संबंधियों को अमेरिकी संघीय अदालत में विदेशी सरकारों के खिलाफ मामले दायर की अनुमति देता है। इसके साथ ही अमेरिकी धरती पर हुए हमलों में इन देशों की सरकारों की जवाबदेही पाए जाने पर पीड़ितों के लिए मुआवजे की वकालत भी करता है।

सूत्रों के मुताबिक अमेरिकी कांग्रेस से कहा है कि वह कानून के विध्वंसक और खतरनाक परिणामों से निपटने के लिए जरूरी कदम उठाए। सऊदी की आधिकारिक प्रेस एजेंसी ने एक प्रवक्ता के हवाले से कहा है कि यह कानून चिंता का बडा कारण है। इसमें कहा गया है कि रियाद और वॉशिंगटन के बीच संबंध दशकों पुराना है। इसमें सऊदी अमेरिका को तेल देता है जबकि अमेरिका बदले में उसे सुरक्षा मुहैया करवाता है।

गौरतलब है कि अमेरिका में 11 सितंबर, 2001 को हमला करने वाले अल कायदा के 19 विमान अपहर्ताओं में से 15 सऊदी से हैं। उस हमले में 3,000 लोगों की मौत हो गई थी। हालांकि रियाद की ओर से हमलवारों से किसी भी तरह के संबंधों से इंंकार किया जाता रहा है।

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