पाकिस्तान ने माना, आर्थिक गलियारे के निर्माण में कई चुनौतियां
चीन ने मध्य-पूर्व और यूरोप से जोड़ने की महत्वाकांक्षी परियोजना 'वन बेल्ट वन रोड' के तहत सीपीईसी में 57 अरब डॉलर के निवेश का वादा किया है।
बीजिंग, रायटर। अब पाकिस्तान ने भी माना कि चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) के निर्माण में उसे कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। एक दिन पहले चीनी मीडिया में यह बात आई थी कि भारत के विरोध के चलते सीपीईसी पर कुछ असर पड़ सकता है।
चीन ने मध्य-पूर्व और यूरोप से जोड़ने की महत्वाकांक्षी परियोजना 'वन बेल्ट वन रोड' के तहत सीपीईसी में 57 अरब डॉलर के निवेश का वादा किया है। राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने साल 2013 में इस परियोजना की घोषणा की थी, लेकिन अब तक कई अड़चनें दूर नहीं हो पाई हैं। चीन के पूर्वोत्तर शहर डलियान में आयोजित वर्ल्ड इकोनामिक्स फोरम में बुधवार को पाकिस्तान के योजना मंत्री एहसान इकबाल ने कहा, 'कई चुनौतियां हैं जिन्हें दूर करने की जरूरत है।
इसके लिए सबसे पहले समन्वय की कमी को दूर करना चाहिए। मैंने पिछले दो साल के दौरान समन्वय के लिए कई बार मंत्री स्तरीय बैठकों की अध्यक्षता की। इसके अलावा भी कई तरह की चुनौतियां हैं। इसके लिए सरकार ने आतंरिक और बाहरी हिस्सेदारों के साथ समन्वय के लिए तंत्र बनाया है।' इसके पहले मंगलवार को चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स में प्रकाशित लेख में कहा गया था कि भारत के विरोध से भले गलियारे का निर्माण कुछ समय के लिए प्रभावित हो लेकिन दीर्घकालिक दृष्टिकोण से चीन-पाक भारत के संदेह को दूर कर सकते हैं।
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