भारत को मिलेगी नेपाल की बिजली

नेपाल से भारत को बिजली मिलने का रास्ता साफ हो गया है। दोनों देशों के बीच मंगलवार को ऐतिहासिक बिजली व्यापार समझौते (पीटीए) पर हस्ताक्षर किए। समझौते के तहत दोनों देश आपस में बिजली की खरीदी-बिक्री कर सकेंगे। जलविद्युत क्षेत्र में सहयोग के नए रास्ते खुलेंगे। अगस्त में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नेपाल यात्रा के दौरान

By Sachin kEdited By: Publish:Wed, 22 Oct 2014 06:12 AM (IST) Updated:Wed, 22 Oct 2014 06:19 AM (IST)
भारत को मिलेगी नेपाल की बिजली

काठमांडू। नेपाल से भारत को बिजली मिलने का रास्ता साफ हो गया है। दोनों देशों के बीच मंगलवार को ऐतिहासिक बिजली व्यापार समझौते (पीटीए) पर हस्ताक्षर किए। समझौते के तहत दोनों देश आपस में बिजली की खरीदी-बिक्री कर सकेंगे। जलविद्युत क्षेत्र में सहयोग के नए रास्ते खुलेंगे।

अगस्त में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नेपाल यात्रा के दौरान दोनों देश इस समझौते पर सहमत हो गए थे। इसके तहत नेपाल में जल विद्युत परियोजनाओं से पैदा होने वाली बिजली भारत को दी जा सकेगी। समझौते का मसौदा दोनों देशों ने मिलकर सितंबर के पहले सप्ताह में ही तैयार कर लिया था। नेपाल के ऊर्जा विभाग के सचिव राजेंद्र कुमार क्षत्र व उनके भारतीय समकक्ष प्रदीप कुमार सिन्हा ने यहां प्रधानमंत्री कार्यालय में आयोजित एक समारोह में इस समझौते पर हस्ताक्षर किए।

सिन्हा ने कहा कि इस समझौते से भारत और नेपाल के बीच ऊर्जा क्षेत्र में सहयोग के नए द्वार खुलेंगे। सिन्हा ने बताया कि इससे दोनों देशों के बीच ऊर्जा क्षेत्र में बातचीत के लिए स्थायी मंच भी उपलब्ध होगा। संयुक्त कार्य समूह भी स्थापित किया जाएगा, जिसका नेतृत्व दोनों देशों के संयुक्त सचिव करेंगे। कार्य समूह की बैठक हर छह माह में होगी। उन्होंने कहा कि यह समझौता लोगों को चौबीसों घंटे बिजली देने की दिशा में बड़ा कदम होगा।

क्षत्र ने कहा कि इस समझौते के लिए 2010 से लगातार प्रयास चल रहे थे और इसकी बदौलत दोनों देशों के बीच बिजली कारोबार की संभावनाएं खुल गई हैं। यह समझौता अंतरराष्ट्रीय बिजली व्यापार के तौर तरीकों को ध्यान में रखकर किया गया है। इससे दक्षिण एशिया क्षेत्र में क्षेत्रीय ऊर्जा कारोबार में भी मदद मिलेगी।

गौरतलब है कि पिछले माह नेपाल सरकार और भारत के जीएमआर समूह के बीच परियोजना विकास समझौता हुआ था। इसके तहत यह कंपनी नेपाल में 900 मेगावॉट की अपर करनाली परियोजना का निर्माण करेगी।

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