भारत-जापान के बीच परमाणु समझौते समेत 12 डील पर होंगे हस्‍ताक्षर

जापान आैैर भारत के बीच आज परमाणु समझौते समेत कुल बारह करार पर हस्‍ताक्षर होने की उम्‍मीद है।

By Kamal VermaEdited By: Publish:Fri, 11 Nov 2016 10:01 AM (IST) Updated:Fri, 11 Nov 2016 02:16 PM (IST)
भारत-जापान के बीच परमाणु समझौते समेत 12 डील पर होंगे हस्‍ताक्षर

टोक्यो (पीटीआई)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जापान यात्रा के दौरान भारत और जापान के बीच परमाणु समझौते को लकर करार हो सकता है। इस बाबत टोक्यो में वह जापान के पीएम शिंजो आबे से मुलाकात करेंगे। इस दौरान दोनों देश साझा सहयोग के हर पहलू पर विचार करेंगे। इसके अलावा पीएम कुछ विपक्षी और दूसरे राजनेताओं से भी मिलेंगे। गौरतलब है कि दोनों देशों के बीच एटमी डील पर बातचीत कई सालों से चल रही थी, लेकिन 2011 में टोक्यो के फुकुशिमा न्युक्लियर पावर प्लांट में हुए हादसे के बाद यह टल गई। टोक्यो से कोबे तक मोदी शिंजो आबे के साथ बुलट ट्रेन से जाएंगे। इसी टेक्नोलॉजी से मुंबई-अहमदाबाद हाईस्पीड रेलवे को तैयार किया जाना है। वे कोबे में कावासाकी हैवी इंडस्ट्रीज भी जाएंगे। हाई स्पीड ट्रेन यहीं बनाई जाती हैं।

एम्फीबियन प्लेन की भी डील हो सकती है

मोदी के इस दौरे में एम्फीबियन प्लेन US-2i की डील भी हो सकती है। भारत जापान से 10 हजार करोड़ के 12 एम्फीबियन प्लेन US-2i खरीद सकता है। ये ऐसा प्लेन हैं जो हवा के साथ-साथ पानी पर भी चल सकता है। दोनों देशों के बीच यह डील चीन के बढ़ते असर को रोकने के लिए भी काफी अहम है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, एयरक्राफ्ट की ये डील ज्यादा पैसों के चलते 2013 से अटकी हुई है। इसे देखते हुए जापान ने 720 करोड़ कम कर दिए हैं

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क्या है US-2i?

US-2i एक एम्फीबियन प्लेन है। ये जमीन और पानी पर टेकऑफ और लैडिंग कर सकता है। 4 बड़े टर्बो-इंजन वाला US-2i का इस्तेमाल सर्चिंग और रेस्क्यू ऑपरेशन में किया जाएगा। साथ ही, प्लेन से किसी इमरजेंसी के दौरान 30 जवानों को घटनास्थल पर ले जाया जा सकेगा।

साउथ चाइना सी पर हो सकती है बात

मोदी-आबे के बीच बीच साउथ चाइना सी पर भी बात हो सकती है। इस विवादित आइलैंड पर हक जताने वाले चीन नेे भारत को चेतावनी दी है। चीनी मीडिया में छपी एक रिपोर्ट में कहा गया है, "अगर भारत ने जापान के साथ मिलकर दक्षिण चीन सागर के मुद्दे पर दखलंदाजी किया और चीन को इंटरनेशनल ट्रिब्यूनल का आदेश मानने को बाध्य करने की कोशिश की, तो उसे बड़ा नुकसान हो सकता है। साउथ चाइना सी पर भारत दावेदार नहीं है। लेकिन जब से मोदी आए हैं, भारत ने लुक ईस्ट फॉरेन पॉलिसी अपना रखी है।

साउथ चाइना सी को लेकर चीन की भारत को धमकी

चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने अपने आर्टिकल में कहा है कि - दक्षिण चीन सागर के विवाद में शामिल होने से भारत अमेरिका का सिर्फ एक मोहरा बनकर रह जाएगा। साथ ही, चीन के साथ कारोबारी नुकसान का उसे खामियाजा भी भुगतना पड़ेगा। इस विवाद में पड़ने से भारत का कोई फायदा नहीं होगा, बल्कि नई दिल्ली और बीजिंग के बीच भरोसा टूटेगा।

कावासाकी हेवी इंडस्ट्री देखने जाएंगे पीएम

शनिवार को मोदी शिंकनसेन बुलेट ट्रेन से जापानी खिलौना नगरी के नाम से विख्यात कोबे शहर जाएंगे। कोबे में वह कावासाकी हेवी इंडस्ट्रीज मुख्यालय जाएंगे, यहीं पर हाई स्पीड बुलेट ट्रेन का निर्माण होता है। भारत में अहमदाबाद-मुंबई रूट पर शिंकनसेन बुलेट ट्रेन की तकनीक का ही इस्तेमाल होना है। जापान दौरे पर रवाना होने से पहले मोदी ने दिल्ली में कहा, 'मेरी भारत और जापान के शीर्ष उद्योगपतियों से व्यापार और निवेश को लेकर विस्तार से बातचीत होगी। पीएम शिंजो के साथ वार्ता में द्विपक्षीय रिश्तों को नई ऊंचाई पर ले जाने की कोशिश होगी।'

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