असद और आइएस ने सीरिया में इस्तेमाल किए रासायनिक हथियार

सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल असद ने विरोधियों से लड़ने के लिए रासायनिक हथियारों का प्रयोग किया था, इसका खुलासा यूएन के जांच दल ने किया है।

By kishor joshiEdited By: Publish:Thu, 25 Aug 2016 02:17 PM (IST) Updated:Thu, 25 Aug 2016 02:24 PM (IST)
असद और आइएस ने सीरिया में इस्तेमाल किए रासायनिक हथियार

संयुक्त राष्ट्र (एएफपी)। संयुक्त राष्ट्र के जांच दल ने पुष्टि कर दी है कि सीरिया में राष्ट्रपति बशर अल असद की फौजों ने कम से कम दो स्थानों पर विरोधियों से लड़ने में रासायनिक हथियारों का इस्तेमाल किया। यही कृत्य आतंकी संगठन आइएस ने एलेप्पो प्रांत में कब्जे की लड़ाई के दौरान किया।

दल ने बीते दो सालों में रासायनिक हमले की शिकायतों के बाद जांच की। इनमें से तीन मामलों में उसने शिकायतों को पुष्ट पाया जबकि छह में वह अंतिम निष्कर्ष तक नहीं पहुंच पाया। जांच दल में शामिल रासायनिक हमलों के साक्ष्यों के जानकार ने पाया कि सीरिया की सरकारी फौजों ने इदलिब प्रांत के दो गांवों- तालमिनिस में 21 अप्रैल, 2014 को और सारमीन में 16 मार्च, 2015 को विमानों से रासायनिक पदार्थ गिराए।

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गांव के लोगों पर इस रसायन ने जो प्रभाव छोड़े, उसको देखते हुए लगता है कि वह क्लोरीन गैस थी। हालांकि असद सरकार इस तरह के हमले से लगातार इन्कार करती रही है। जबकि आतंकी संगठन आइएस ने एलेप्पो प्रांत के मारिया कस्बे पर 21 अगस्त, 2015 को सल्फर मस्टर्ड का इस्तेमाल किया।

इस जांच दल का गठन संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने करीब एक साल पहले किया था। किसी भी देश द्वारा रासायनिक हथियार का इस्तेमाल युद्ध अपराध के तौर पर देखा जाता है और इसके लिए उस देश पर कड़े प्रतिबंध लगाने का अधिकार सुरक्षा परिषद के पास है। लेकिन इस मामले में सीरिया के पक्ष में रूस के खड़े होने के कारण कोई कार्रवाई होने की संभावना बहुत कम है।

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