अब इस देश में नहीं मिलेंगे कोई भी फेयरनेस प्रोडक्‍ट्स, इस्तेमाल पर लगा बैन

फूड और ड्रग अथॉरिटी ने स्‍किन ब्लिचिंग इंग्रीडियंट वाले किसी भी तरह के कॉस्‍मेटिक प्रोडक्‍ट्स की बिक्री पर बैन की घोषणा की है।

By anand rajEdited By: Publish:Tue, 07 Jun 2016 12:32 AM (IST) Updated:Tue, 07 Jun 2016 01:40 AM (IST)
अब इस देश में नहीं मिलेंगे कोई भी फेयरनेस प्रोडक्‍ट्स, इस्तेमाल पर लगा बैन

आकरा। जहां एक तरफ भारत में धड़ल्ले से काली स्किन को गोरा करने की क्रीम और दूसरे प्रोडक्ट्स की बिक्री हो रही है वहीं दुनिया में एक ऐसा देश भी है जिसने एक बड़ा संदेश दिया है। इस देश ने बड़ा कदम उठाते हुए फेयरनेस प्रोडक्ट्स के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया है।

इसे लेकर घाना के फूड और ड्रग अथॉरिटी ने स्किन ब्लिचिंग इंग्रीडियंट वाले किसी भी तरह के कॉस्मेटिक प्रोडक्ट्स की बिक्री पर बैन की घोषणा की है। यह प्रतिबंध अगस्त माह से लागू हो जाएगा। अथॉरिटी का दावा है कि इन प्रोडक्ट्स का मुख्य इंग्रीडियंट होता है हायड्रोक्विनॉन जिससे कैंसर होने की संभावना रहती है।

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मालूम हो कि हायड्रोक्विनॉन का प्रयोग अमेरिका के अलावा जापान, ऑस्ट्रेलिया और यूरोपियन देशों में भी प्रतिबंधित है। एफडीए के प्रवक्ता जेम्स लार्टे ने इस बारे में एक स्थानीय अखबार से बात करते हुए कहा कि स्किन का रंग गोरा करने वाले प्रोडक्ट्स पर चिंता जाहिर करते हुए हमने अगस्त 2016 से उन सभी प्रोडक्ट पर बैन लगा दिया है जिनमें हायड्रोक्विनॉन होता है।

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एक रिपोर्ट के अनुसार घाना में 30 प्रतिशत महिलाएं गोरा करने वाली चीजों का उपयोग करती हैं जबकि नाईजीरिया और सेनेगल में इनका उपयोग क्रमश: 77 और 53-67 प्रतिशत है। सालों से लोग गोरी चमड़ी को लेकर आकर्षित होते रहे हैं और इसी के चलते बाजारों में इससे जुड़े प्रोडक्ट्स बिकते आ रहे हैं। लेकिन घाना ने इस पर रोक लगाकर बड़ा उदाहरण पेश किया है।

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