फोगाट बहनों के करियर पर लग सकता है ग्रहण

हरियाणा की पहलवान फोगाट बहनों गीता और बबीता के करियर पर ग्रहण लग सकता है। भिवानी जिले के बलाली गांव की इन दोनों बहनों के राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंटों में भाग लेने पर कम से एक साल का प्रतिबंध लग सकता है। ऐसा इनके उलानबतोर (मंगोलिया) में हाल ही में

By ShivamEdited By: Publish:Wed, 27 Apr 2016 08:49 PM (IST) Updated:Thu, 28 Apr 2016 01:50 AM (IST)
फोगाट बहनों के करियर पर लग सकता है ग्रहण

जागरण न्यूज नेटवर्क, नई दिल्ली। हरियाणा की पहलवान फोगाट बहनों गीता और बबीता के करियर पर ग्रहण लग सकता है। भिवानी जिले के बलाली गांव की इन दोनों बहनों के राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंटों में भाग लेने पर कम से एक साल का प्रतिबंध लग सकता है। ऐसा इनके उलानबतोर (मंगोलिया) में हाल ही में हुए ओलंपिक क्वालीफायर के कांस्य पदक मुकाबले में जगह बनाने के बावजूद न लड़ने की वजह से होगा।

भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआइ) ने इन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया है। जवाब देने के लिए दस दिन का समय दिया गया है। दोषी पाए जाने पर इन पर कम से कम एक साल का प्रतिबंध लग सकता है। जानकारी के अनुसार ओलंपियन गीता ने मुकाबले में उतरने से मना कर दिया। वहीं, उनकी छोटी बहन बबीता ने प्रतिद्वंद्वी के खिलाफ अपनी मौजूदगी ही नहीं दर्ज कराई।

सुमित भी घेरे में:

पहलवान सुमित को भी कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। सुमित मुकाबले से पहले ही गायब हो गए थे।

विनेश को चेतावनी:

गीता और बबीता की चचेरी बहन विनेश फोगाट (48 किग्रा) अयोग्य ठहरा दी गई थीं। उन्हें चेतावनी देकर छोड़ दिया गया है। उनका वजन 400 ग्राम अधिक पाया गया था। उन पर कोई कार्रवाई न करने के पीछे तुर्की में होने वाली अंतिम क्वालीफाइंग प्रतियोगिता है, जिसमें विनेश को रियो का टिकट कटाने की बड़ी उम्मीद के तौर पर देखा जा रहा है।

राहुल पर भी कार्रवाई:

राहुल अवारे पर भी कार्रवाई की जा सकती है। राहुल ने ओलंपिक के लिए तैयारी शिविर के लिए जॉर्जिया जा रही टीम के साथ जाने से इन्कार कर दिया था। राहुल एयरपोर्ट से ही वापस चले गए थे। उनके मुताबिक टीम में संदीप तोमर का काफी पक्ष लिया जाता है। हालांकि संदीप क्वालीफायर के अंतिम दिन कांस्य पदक जीतने के बाद रियो का टिकट कटाने में भी कामयाब रहे।

भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह ने कहा, 'कुश्ती में हमारी जो दुनिया भर में पहचान बनी है वह अच्छे प्रदर्शन और अनुशासन की वजह से ही है। कोई भी खिलाड़ी देश से बढ़कर नहीं है। इसीलिए अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं की जा सकती। फिलहाल पहलवानों को अपना पक्ष रखने के लिए समय दिया गया है।'

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