ग्लास्गो: 9वें स्थान पर रही भारतीय रिदमिक टीम, शर्मनाक प्रदर्शन

जब फजीहत पहले से तय हो तो उसे रोका जा सकता है, लेकिन जब हुक्मरान ही भारत की छवि बिगाड़ने में जुट जाएं तो उसे कौन रोक सकता है। कुछ ऐसा ही हुआ ग्लास्गो गई भारतीय जिम्नास्टिक रिदमिक टीम के साथ। तीन सदस्यीय भारतीय महिला रिदमिक टीम की हालत इतनी खराब थी कि कॉमनवेल्थ गेम्स में

By Edited By: Publish:Tue, 29 Jul 2014 12:14 AM (IST) Updated:Tue, 29 Jul 2014 12:14 AM (IST)
ग्लास्गो: 9वें स्थान पर रही भारतीय रिदमिक टीम, शर्मनाक प्रदर्शन

नई दिल्ली [अभिषेक त्रिपाठी]। जब फजीहत पहले से तय हो तो उसे रोका जा सकता है, लेकिन जब हुक्मरान ही भारत की छवि बिगाड़ने में जुट जाएं तो उसे कौन रोक सकता है। कुछ ऐसा ही हुआ ग्लास्गो गई भारतीय जिम्नास्टिक रिदमिक टीम के साथ।

तीन सदस्यीय भारतीय महिला रिदमिक टीम की हालत इतनी खराब थी कि कॉमनवेल्थ गेम्स में जाने के लिए भारतीय खेल प्राधिकरण (साइ) ने उसका खर्चा उठाने से भी इन्कार कर दिया था, लेकिन पहले से ही विवादों में फंसे जिम्नास्टिक्स संघ ने टीम को अपने खर्चे पर ग्लास्गो भेजा। उम्मीद के मुताबिक इस टीम ने दोयम दर्जे का प्रदर्शन किया। रिदमिक जिम्नास्टिक टीम चैंपियनशिप में नौ देशों की टीम खेली जिसमें भारत नौवें नंबर पर रहा।

चैंपियन कनाडा ने 141.450 अंक अर्जित कर स्वर्ण पदक झटका, जबकि भारतीय टीम 73.050 अंक ही अर्जित कर सकी। आश्चर्य की बात यह रही कि इस प्रतियोगिता में आठवें नंबर पर रही सिंगापुर की लड़कियों से भी भारत के 35 अंक कम रहे। आठवें नंबर पर रहे सिंगापुर ने 108.825 अंक अर्जित किए। रिदमिक जिम्नास्टिक ऑलराउंड चैंपियनशिप में कनाडा की टेट्रीशिया 59.175 अंक के साथ चैंपियन रहीं जबकि भारतीय लड़कियां टॉप-20 में भी जगह नहीं बना सकीं।

सूत्रों की मानें कि जिम्नास्टिक्स संघ ने अभी इन लड़कियों के ग्लास्गो आने-जाने और रहने का खर्च खुद उठाया है और अगले कुछ महीनों में साइ के अधिकारियों के साथ मिलकर इसे सरकार से वसूल किया जाएगा। दैनिक जागरण ने ग्लास्गो जाने से पहले यह खबर छापी थी कि इस टीम को बिना चयन ट्रायल के ही ग्लास्गो भेजा जा रहा है। यह अंतरराष्ट्रीय टीमों के खिलाफ उतरने के लायक भी नहीं है। इस टीम के चयन पर पहले ही सवाल उठे थे। टीम के प्रदर्शन से नाराज पटियाला के एक जिम्नास्टिक कोच ने कहा कि हम पहले ही बोल रहे थे कि इस टीम को राष्ट्रमंडल खेलों में नहीं भेजना चाहिए था। इसके बावजूद इसे भेजा गया। पता नहीं इस टीम पर इतनी मेहरबानी क्यों दिखाई गई।

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