कामनवेल्थ गेम्स : भारतीय निशानेबाजों ने जमाई धाक
भारत ने अपने निशानेबाजों की बदौलत ग्लास्गो कॉमनवेल्थ गेम्स के पांचवें दिन सोमवार की शुरुआत एक स्वर्ण सहित कुल तीन पदकों के साथ की। युवा निशानेबाज जीतू राय और गुरपाल सिंह ने 50 मीटर पिस्टल स्पर्धा में क्रमश: स्वर्ण और रजत पर निशाना साधते हुए दिन की सकारात्मक शुरुआत की, जिसके बाद स्टार शूटर गगन नारंग ने 50 मीटर राइफल प्रोन स्पर्धा में देश की झोली में एक और रजत पदक डाला।
नई दिल्ली। भारत ने अपने निशानेबाजों की बदौलत ग्लास्गो कॉमनवेल्थ गेम्स के पांचवें दिन सोमवार की शुरुआत एक स्वर्ण सहित कुल तीन पदकों के साथ की। युवा निशानेबाज जीतू राय और गुरपाल सिंह ने 50 मीटर पिस्टल स्पर्धा में क्रमश: स्वर्ण और रजत पर निशाना साधते हुए दिन की सकारात्मक शुरुआत की, जिसके बाद स्टार शूटर गगन नारंग ने 50 मीटर राइफल प्रोन स्पर्धा में देश की झोली में एक और रजत पदक डाला। इन तीन पदकों के साथ ही निशानेबाजी में भारत के कुल पदकों की संख्या 12 (चार स्वर्ण, सात रजत, एक कांस्य) तक पहुंच गई। निशानेबाजों के अलावा मुक्केबाजी में सुमित सांगवान और एल देवेंद्र सिंह ने आसानी से अपना मुकाबला जीतते हुए क्वार्टर फाइनल में जगह बनाई। भारत अभी तक कुल 25 पदक (सात स्वर्ण, 11 रजत, 07 कांस्य) जीतकर अंकतालिका में चौथे स्थान पर है, जिसमें 27 स्वर्ण के साथ ऑस्ट्रेलिया अपना दबदबा बनाए हुए है।
इनसे पहले, पहली बार इस खेलों में उतरे भारोत्तोलक सतीश शिवलिंगम ने इतिहास रचते हुए 77 किग्रा भार वर्ग का स्वर्ण पदक जीता। रविवार देर रात हुई इस स्वर्धा में उन्होंने इस स्वर्ण के लिए एक अन्य भारतीय व 2010 कॉमनवेल्थ गेम्स के चैंपियन रवि कुमार को पछाड़ा, जो दूसरे स्थान पर रहे। इस दौरान सतीश ने स्नैच में 149 किलो वजन उठाकर नौरू के युको पीटर का दिल्ली कॉमनवेल्थ गेम्स में बनाया 148 किलो का रिकॉर्ड भी तोड़ा। भारोत्तोलन में अब तक भारत नौ पदक (तीन स्वर्ण, दो रजत और चार कांस्य ) जीत चुका है, जबकि दिल्ली में आठ पदक (दो स्वर्ण, दो रजत और चार कांस्य) भारत को मिले थे।