कामयाबी के साथ पूरी हुई दुनिया की पहली रोबोटिक सर्जरी

अमेरिका में एक दुर्लभ कैंसर की सर्जरी कामयाबी के साथ की गई वो भी एक रोबोट की मदद से जिसने एक भारतीय मूल के डॉक्‍टर के साथ ये कारनामा अंजाम दिया।

By Molly SethEdited By: Publish:Wed, 09 May 2018 04:08 PM (IST) Updated:Thu, 10 May 2018 10:37 AM (IST)
कामयाबी के साथ पूरी हुई दुनिया की पहली रोबोटिक सर्जरी
कामयाबी के साथ पूरी हुई दुनिया की पहली रोबोटिक सर्जरी

सर्जन का साथी रोबोट 

कुछ अर्सा पहले एक भारतीय मूल के एक सर्जन के साथ्‍ज्ञ उसके असिस्‍टेंट के तौर पर एक रोबोट ने दुनिया की पहली सर्जरी की, जिसमें मरीज की गर्दन से दुर्लभ किस्म के ट्यूमर को सफलतापूर्वक निकाल दिया गया। इस कैंसर का नाम कॉर्डोमा बताया जातात है जो एक रेयर रोग है। ये इंसान की खोपड़ी और रीढ़ की हड्डी के बीच में होता है  और बहुत धीरे-धीरे ट्यूमर का गंभीर रूप ग्रहण कर लेता है। इसके शुरूआती लक्षण कई वर्षों तक दिखाई नहीं देते।

कार दुर्घटना के कारण सामने आई बीमारी

अमेरिका के 27 वर्षीय नोआ पर्निकॉफ के मामले में खास बात ये थी कि 2016 में एक कार हादसे में जब वे जख्मी हुए तो पता चला कि मामूली चोट के बावजूद उनकी गर्दन का दर्द ना कम हो रहा था ना ठीक हो रहा था। बहुत परेशान होने के बाद उन्‍होंने डॉक्‍टर से बात की तो उनका एक्सरे कराया गया, जिसमें पता चला कि ये परेशानी दुर्घटना से संबंधित नहीं थी और उनकी तकलीफ चोट की तुलना में बहुत ज्‍यादा थी। इस पर डॉक्‍टर ने उस स्थान की बॉयोप्सी की और पता चला कि वे कॉर्डोमा से पीड़ित हैं। 

तीन चरण में हुई सर्जरी

डॉक्‍टरों के अनुसार पर्निकॉफ बहुत खुशनसीब थे कि हादसे के चलते उनकी बीमारी समय रहते सामने आ गई और उसका इलाज शुरू किया जा सका। कॉर्डोमा काफी दुर्लभ है और प्रति वर्ष दस लाख लोगों में कोई एक इसका शिकार बनाता है। पर्निकॉफ को ये बीमारी सी 2 कशेरुका में थी, जो और भी खास है, जिसका इलाज भी अधिक मुश्‍किल होता है। इसीलिए अमेरिका के पेनसिल्वेनिया विश्वविद्यालय के अस्पताल में पिछले साल अगस्त में पर्निकॉफ की रोबोट के जरिये सर्जरी हुई। रोबोट का इस्तेमाल तीन चरणों में की गयी इस सर्जरी के दूसरे हिस्से में किया गया। ये भारतीय मूल के सहायक प्रोफेसर नील मल्होत्रा की अगुवाई में की गई थी। अब पर्निकॉफ ठीक हैं और काम पर लौट चुके हैं।

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