मानसून सत्र में काम नहीं हुआ, तो बर्बाद होंगे 260 करोड़

संसद में मानसून सत्र शुरू हुए चार दिन पूरे हो चुके हैं। मगर, अभी तक एक भी काम नहीं हो पाया है। यदि विपक्ष इसी तरह अपनी मांगों को लेकर अड़ा रहा, और संसद की कार्रवाई नहीं हो पाई, तो करदाताओं के 260 करोड़ रुपए की बर्बादी होगी। लोकसभा की

By Manoj YadavEdited By: Publish:Sat, 25 Jul 2015 06:22 PM (IST) Updated:Sat, 25 Jul 2015 06:28 PM (IST)
मानसून सत्र में काम नहीं हुआ, तो बर्बाद होंगे 260 करोड़

नई दिल्ली। संसद में मानसून सत्र शुरू हुए चार दिन पूरे हो चुके हैं। मगर, अभी तक एक भी काम नहीं हो पाया है। यदि विपक्ष इसी तरह अपनी मांगों को लेकर अड़ा रहा, और संसद की कार्रवाई नहीं हो पाई, तो करदाताओं के 260 करोड़ रुपए की बर्बादी होगी। लोकसभा की कार्रवाई के संचालन में 162 करोड़ और राज्य सभा की कार्रवाई में 98 करोड़ रुपए का खर्च हो रहा है।

मानसून सत्र का पहला हफ्ता तो बेकार ही चला गया। संसद ने अपने तय समय में से 91 फीसद समय काम ही नहीं किया। लोकसभा में एक घंटे की कार्रवाई पर 1.5 करोड़ रुपए और राज्यसभा में एक घंटे की कार्रवाई पर 1.1 करोड़ रुपए का खर्च आता है।

मानसून सत्र की शुरूआत में नरेंद्र मोदी ने उम्मीद जताई थी कि पिछले सत्र में जो काम अधूरे रह गए थे, वे इस सत्र में पूरे हो जाएंगे। इस सत्र के एजेंडे में 11 लंबित बिलों को पारित कराना और नौ नए बिलों को पेश करना था। इसके अलावा एक बिल को विचार के लिए लाना था। लोकसभा में भूमि अधिग्रहण बिल, एससी और एसटी (अत्याचार निवारण) संसोधन विधेयक 2014 पेश किया जाना था।

वहीं, राज्य सभा में विसिलब्लोअर प्रोटेक्शन (संशोधन) बिल 2015,, मेंटल हेल्थ केयर बिल 2013, भ्रष्टाचार रोकथाम (संसोधन) बिल 2013, बाल श्रम संसोधन बिल 2012, रियल एस्टेट (रेगुलेशन एंड डेवलपमेंट) बिल 2013, जुवेनाइल जस्टिस अमेंडमेंट बिल 2015, संविधान के 122वें संशोधन बिल 2014 पर काम होना है।इसके अलावा रेलवे को अधिक अनुदान देने की मांग पर चर्चा और मतदान भी होना है।

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