विदेश मंत्रालय देश में फंसे भारतीय छात्रों की मदद के लिए जारी किए निर्देश, जानें क्‍या कहा

विदेश मंत्रालय (Ministry of External Affairs MEA) ने शनिवार को विदेशों में पढ़ रहे भारतीय छात्रों से उनके OIA-II डिवीजन से संपर्क करने को कहा है यदि वे मौजूदा कोरोना प्रतिबंधों के कारण भारत आकर फंस गए हैं।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Publish:Sat, 05 Jun 2021 06:52 PM (IST) Updated:Sat, 05 Jun 2021 07:21 PM (IST)
विदेश मंत्रालय देश में फंसे भारतीय छात्रों की मदद के लिए जारी किए निर्देश, जानें क्‍या कहा
सरकार ने विदेशों में पढ़ रहे भारतीय छात्रों की मदद के लिए निर्देश जारी किया है...

नई दिल्‍ली, एएनआइ। विदेश मंत्रालय (Ministry of External Affairs, MEA) ने शनिवार को विदेशों में पढ़ रहे भारतीय छात्रों से उनके OIA-II डिवीजन से संपर्क करने को कहा है यदि वे मौजूदा कोरोना प्रतिबंधों के कारण भारत आकर फंस गए हैं। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने ट्वीट कर कहा कि विदेशों में पढ़ रहे जो भारतीय छात्र कोरोना और अन्‍य प्रतिबंधों के चलते भारत में फंस गए हैं... वे OIA-II डिवीजन से संपर्क कर सकते हैं।

बागची ने उन छात्रों के लिए दो ईमेल साझा किए जो महामारी के चलते विदेश नहीं जा पाने जैसी समस्‍याओं का सामना कर रहे हैं। जारी बयान में कहा गया है कि विदेशों में पढ़ने वाले भारतीय छात्र जो कोरोना महामारी के चलते प्रतिबंधों के चलते भारत में फंस गए हैं। वे अपनी ईमेल आईडी और मोबाइल नंबर OIA-II डिवीजन को ईमेल पर भेज सकते हैं। इसके साथ ही दो-ईमेल आईडी (us.oia2@mea.gov.in और so1oia2@mea.gov.in) भी जारी की गई है।  

मालूम हो कि कोरोना संकट के चलते अंतरराष्ट्रीय यात्री उड़ानों पर लगाई गई रोक को 30 जून तक के लिए बढ़ा दिया गया है। हालांकि विमानन नियामक डीजीसीए ने यह भी कहा था कि सक्षम प्राधिकरण हर मामले पर गौर करते हुए चयनित मार्गों पर अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को अनुमति दे सकते हैं। देश में कोरोना महामारी के चलते 23 मार्च 2020 से अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को निलंबित कर दिया गया था। 

उल्‍लेखनीय है कि मई 2020 से वंदे भारत अभियान और जुलाई 2020 से चयनित देशों के बीच द्विपक्षीय एयर बबल व्यवस्था के तहत विशेष अंतरराष्ट्रीय उड़ानें संचालित होती रही हैं। सरकार ने अमेरिका, संयुक्त अरब अमीरात, केन्या, भूटान और फ्रांस समेत 27 देशों के साथ एयर बबल समझौते किए हैं। एयर बबल समझौते के तहत दो देशों के बीच विशेष अंतरराष्ट्रीय विमान उड़ान भर सकते हैं। 

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