पुणे में सिमी पर प्रतिबंध की दो दिनों की ट्रिब्यूनल सुनवाई पूरी

दिल्ली हाई कोर्ट के न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक ट्रिब्यूनल ने सिमी पर प्रतिबंध की अवधि बढ़ाए जाने के पर्याप्त कारण हैं या नहीं की दो दिनों तक सुनवाई की।

By Nitin AroraEdited By: Publish:Sat, 04 May 2019 07:20 PM (IST) Updated:Sat, 04 May 2019 07:20 PM (IST)
पुणे में सिमी पर प्रतिबंध की दो दिनों की ट्रिब्यूनल सुनवाई पूरी
पुणे में सिमी पर प्रतिबंध की दो दिनों की ट्रिब्यूनल सुनवाई पूरी

पुणे, प्रेट्र। दिल्ली हाई कोर्ट के न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक ट्रिब्यूनल ने स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) पर प्रतिबंध की अवधि बढ़ाए जाने के पर्याप्त कारण हैं या नहीं की दो दिनों तक सुनवाई की। दिल्ली हाई कोर्ट की जस्टिस मुक्ता गुप्ता की अध्यक्षता में ट्रिब्यूनल ने पुणे में शुक्रवार को सुनवाई शुरू की थी। शनिवार को सुनवाई पूरी हो गई।

1977 में स्थापित सिमी पर 2001 में प्रतिबंध लगा दिया गया। गृह मंत्रालय ने गैर कानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम 1967 के तहत इस वर्ष 21 फरवरी को ट्रिब्यूनल का गठन किया था। सिमी पर पांच साल के लिए लगाया गया प्रतिबंध 31 जनवरी को समाप्त हो गया।

महाराष्ट्र पुलिस अपराध अनुसंधान विभाग, राज्य आतंकवाद विरोधी स्क्वायड और राज्य खुफिया विभाग के अधिकारी गैरकानूनी गतिविधि ट्रिब्यूनल के सामने पेश हुए। अधिकारियों ने सिमी पर प्रतिबंध को न्यायसंगत ठहराया। ट्रिब्यूनल के सामने पेश होने वाले अधिकारियों में एटीएस के पुलिस अधीक्षक रवींद्रसिंह परदेशी, सीआइडी विशेष शाखा, मुंबई पुलिस के गणेश शिंदे और राज्य खुफिया विभाग के उपायुक्त निसार तांबोली शामिल हैं।

ट्रिब्यूनल में शामिल अतिरिक्त सालिसिटर जनरल पिंकी आनंद ने कहा कि राज्य सीआइडी, एटीएस और खुफिया विभाग से पेश होने वाले तीन नोडल अधिकारियों ने कहा कि सिमी पर प्रतिबंध आवश्यक है। अधिकारियों ने राष्ट्रीय सुरक्षा और राष्ट्र विरोधी गतिविधि नहीं होने देना सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबंध को जायज ठहराया। शनिवार को पेश हुए डीसीपी तांबोली ने सूचित किया कि सिमी शामिल होने के करीब आठ मामले हैं। उन्होंने यह भी कहा कि यदि संगठन पर प्रतिबंध हटा लिया गया तो यह फिर से संगठित होगा और राष्ट्र विरोधी गतिविधि में शामिल हो जाएगा।

एटीएस के एसपी परदेशी ने 2006 के मुंबई लोकल ट्रेन बम विस्फोट और कोर्ट द्वारा दोषी करार दिए गए सिमी के एक संचालक के बारे में बताया। पुणे के जर्मन बेकरी विस्फोट मामले में मिर्जा हिमायत बेग के सिमी से जुड़े होने की जानकारी भी दी।

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