हैदराबाद: फर्जी RTPCR टेस्ट रिपोर्ट व कोविड वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट बना कर बेचने वाले दो गिरफ्तार

कोविड की फर्जी RT-PCR रिपोर्ट और कोविड वैक्सीन सर्टिफिकेट बनाने वाले दो लोगों को हैदराबाद पुलिस ने गिरफ्तार किया है। फर्जी रिपोर्ट व सर्टिफिकेट बनाने का काम हैदराबाद के मलकपेट और हुमायूंनगर पुलिस स्टेशन इलाके में किया जाता था।

By Monika MinalEdited By: Publish:Sat, 22 Jan 2022 12:49 AM (IST) Updated:Sat, 22 Jan 2022 12:49 AM (IST)
हैदराबाद: फर्जी RTPCR टेस्ट रिपोर्ट व कोविड वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट बना कर बेचने वाले  दो गिरफ्तार
हैदराबाद: फर्जी RTPCR टेस्ट रिपोर्ट व कोविड वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट के साथ दो गिरफ्तार

 हैदराबाद, एएनआइ। हैदराबाद पुलिस (Hyderabad Police) ने कोविड की फर्जी RT-PCR रिपोर्ट और कोविड वैक्सीन सर्टिफिकेट बनाने वाले दो लोगों को गिरफ्तार किया है। फर्जी रिपोर्ट व सर्टिफिकेट बनाने का काम हैदराबाद के मलकपेट और हुमायूंनगर पुलिस स्टेशन इलाके में किया जाता था।

डिप्टी पुलिस कमिश्नर चक्रवर्ती गुम्मी (Chakravarthy Gummi) ने कहा कि गिरफ्तार किए गए दोनों शख्स पैसा लेकर लोगों को फर्जी RTPCR टेस्ट रिपोर्ट और वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट उपलब्ध कराते थे। पुलिस के अनुसार गिरफ्तार किए गए आरोपियों में से एक पी लक्ष्मण (P Laxman) डायग्नोस्टिक सेंटर में लैब टेक्निशियन के तौर पर काम करता था। एक साल पहले उसने मलकपेट के आसमान घाट (Asman Ghat) में अपना डायग्नोस्टिक सेंटर खोला और MedicsPathlabs India के साथ अनुबंध किया था। यहां वह लोगों के सैंपल लेकर जांच के लिए भेजता था।

कोरोना महामारी में दौरान अधिक रुपये लेकर लोगों को नकली RT-PCR नेगेटिव रिपोर्ट देता था। एक नेगेटिव सर्टिफिकेट के लिए 2000 रुपये से 3000 रुपये तक के पैसे लिया करता था। आरोपी लक्ष्मण लोगों की नाक से और मुंह से सैंपल न लेकर लैब में डम्मी किट भेजता था जिसमें रिपोर्ट नेगेटिव आती थी। इससे सर्टिफिकेट तो असली मिल जाता था लेकिन रिपोर्ट नकली होती थी। हैदराबाद पुलिस ने लक्ष्मण के पास से 65 फर्जी RTPCR सर्टिफिकेट, 20 सैंपल कलेक्शन किट और एक मोबाइल फोन बरामद किया।

हैदराबाद के आसिफ नगर का रहने वाला दूसरे आरोपी तारिक हबीब ने साल 2018 में मेडिकल लैब टेक्नालाजी में डिप्लोमा हासिल किया। एक साल पहले आसिफनगर स्थित मुरादनगर में अपना डायग्नोस्टिक सेंटर शुरू किया, फिर कई लैब के साथ टाई अप होकर वहां से सैंपल लाकर टेस्ट करता था।

अब  कहीं भी बाहर जाना हो तो लोगों को अपना वैक्सीन सर्टिफिकेट दिखाना जरूरी हो गया है। इस दौरान तारिक हबीब आसानी से रुपये कमाने के लिए हुमायूंनगर में एक सरकारी स्वास्थ्य केंद्र में कार्यरत एक कंप्यूटर आपरेटर के साथ मिलकर बिना वैक्सीन लिए ही लोगों को वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट बना कर देता था और वैसे ही नकली RT-PCR सर्टिफिकेट बनाकर देता था। इसके लिए वह काफी रुपये वसूलता था। एक वैक्सीन सर्टिफिकेट के लिए 800 रुपये से 1000 रुपये तक लेता था।

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