US Election 2020: जानें, अगर बाइडन राष्ट्रपति बनते हैं तो भारत-अमेरिकी संबंधों पर क्या होगा असर

राष्ट्रपति ट्रंप सत्ता में रहें या जो बाइडन राष्ट्रपति का पदभार संभाले भारत के साथ रिश्तों में और गहराई आना ही है। पिछले महीने दोनों देशों के बीच हुई टू प्लस टू वार्ता ने एक तरह से अगले कुछ वर्षो की एक तरह से एजेंडा बना लिया है।

By Sanjeev TiwariEdited By: Publish:Wed, 04 Nov 2020 08:28 PM (IST) Updated:Thu, 05 Nov 2020 08:25 AM (IST)
US Election 2020: जानें, अगर बाइडन राष्ट्रपति बनते हैं तो भारत-अमेरिकी संबंधों पर क्या होगा असर
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप व डेमोक्रेट पार्टी के जो बिडेन फाइल फोटो

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। अमेरिका का अगला राष्ट्रपति कौन बनेगा, इसको लेकर संशय बरकरार है। यह संशय अब और आगे जा सकता है और यह भी संभव है कि कानूनी दांव-पेंच में फंसने की वजह से फैसला होने में ज्यादा समय लग जाए। लेकिन भारत व अमेरिका के द्विपक्षीय रिश्तों की दिशा व भविष्य को लेकर कोई संशय नहीं है। मौजूदा राष्ट्रपति ट्रंप सत्ता में रहें या डेमोक्रेटिक पार्टी के जो बाइडन राष्ट्रपति का पदभार संभालें, भारत के साथ रिश्तों में और गहराई आना ही है। पिछले महीने दोनों देशों के बीच हुई टू प्लस टू वार्ता ने एक तरह से अगले कुछ वर्षो की रणनीतिक रिश्तों का एक तरह से एजेंडा बना दिया है।

दोनों देशों के रिश्तों में कोई फर्क नहीं पड़ने वाला 

कूटनीतिक क्षेत्र के जानकारों के साथ ही विदेश मंत्रालय के अधिकारी इस बात के लिए मुतमइन हैं कि अमेरिकी चुनाव परिणामों से दोनों देशों के रिश्तों की गति व दिशा पर कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है। राष्ट्रपति चुनाव से एक हफ्ते पहले ही दोनों देशों के विदेश व रक्षा मंत्रियों की अगुवाई में टू प्लस टू वार्ता में रणनीतिक सहयोग के भावी एजेंडे पर चर्चा की गई है, जिस पर सत्ता परिवर्तन का कोई असर नहीं होगा। पूर्वी लद्दाख में चीन के ताजे घुसपैठ के बाद हिंद प्रशांत क्षेत्र को लेकर भारत का नजरिया पूरी तरह से बदल चुका है।

वैश्विक कूटनीति का सबसे बड़ा सक्रिय हिस्सा 

ट्रंप प्रशासन ने अपने पहले कार्यकाल में हिंद प्रशांत क्षेत्र को अपनी वैश्विक कूटनीति का सबसे बड़ा सक्रिय हिस्सा बनाया है। आगे सत्ता में ट्रंप रहें या बिडेन, इस क्षेत्र में अमेरिकी सक्रियता और बढ़ेगी। टू प्लस टू वार्ता के बाद सूत्रों ने बताया कि भारत व अमेरिका के रणनीतिक संबंध जिन मुद्दों के जरिए आगे बढ़ेंगे, उनमें हिंद-प्रशांत क्षेत्र सबसे प्रमुख रहेगा। जापान व आस्ट्रेलिया के साथ मिलकर बनाया गया अमेरिका व भारत का गठबंधन और व्यापक होगा। इसी तरह से इस क्षेत्र में उक्त चार देशों की तरफ से किया जाने वाला मालाबार सैन्य अभ्यास का भी विस्तार अगले 4-5 वर्षो में होगा।

ट्रंप के कार्यकाल में दोनों देशों के बीच सैन्य रिश्तों में सुधार हुआ

ट्रंप के कार्यकाल में दोनों देशों के बीच सैन्य रिश्तों में जो सुधार हुआ है, उसकी भी गति निर्बाध तौर पर जारी रहने की संभावना है। टू प्लस टू वार्ता के दौरान दोनों देशों के बीच बेसिक एक्सचेंज एंड कॉओपरेशन फॉर जिओ स्पैटिएल कोओपरेशन (बीका) समझौते पर हस्ताक्षर हुआ है। दोनों देशों के बीच होने वाले चार अहम रक्षा समझौते की अंतिम कड़ी है। इन समझौतों के बाद अमेरिका, भारत को अपना सबसे करीबी सैन्य साझेदार बना चुका है। ट्रंप के कार्यकाल में अमेरिका से सैन्य साजों-समान की खरीद भारत पांच गुणा बढ़ा चुका है। दोनों देशों के बीच युद्धक विमान खरीद से लेकर परमाणु चालित विमान वाहक पोत खरीदने तक के कई समझौतों पर बात चल रही है। इन पर भी सत्ता परिवर्तन का कोई असर नहीं होगा।

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