तौफीक की साजिश को अंजाम देने की तैयारी में था भटकल
मुंबई के घाटकोपर विस्फोट का मास्टर माइंड आतंकी तौफीक उर्फ अब्दुल्ला इंडियन मुजाहिदीन के सह संस्थापक यासीन भटकल के नेटवर्क का राज खोलने में महत्वपूर्ण कड़ी बन सकता है। यूपी में धमाकों की योजना बनाने वाला तौफीक इस समय तमिलनाडु की पुझाल जेल में है। यह योजना पाकिस्तान के एक खुफिया अध्ि
लखनऊ, [आनन्द राय]। मुंबई के घाटकोपर विस्फोट का मास्टर माइंड आतंकी तौफीक उर्फ अब्दुल्ला इंडियन मुजाहिदीन के सह संस्थापक यासीन भटकल के नेटवर्क का राज खोलने में महत्वपूर्ण कड़ी बन सकता है। यूपी में धमाकों की साजिश रचने वाला तौफीक इस समय तमिलनाडु की पुझाल जेल में है। यह साजिश पाकिस्तान के एक खुफिया अधिकारी के जरिये भटकल तक पहुंची थी, जिसे अंजाम देने को भटकल ने नेपाल में ठिकाना बनाया था और दीवाली से पहले यूपी के अयोध्या और मथुरा सहित कई जगह विस्फोट की तैयारी कर रहा था।
नवंबर 2011 में नोएडा में यूपी एटीएस द्वारा पकड़ा गया तौफीक भटकल और आइएसआइ के रिश्तों के बीच एक महत्वपूर्ण स्रोत साबित हो सकता है। बांग्लादेश का नेटवर्क तौफीक का ही तैयार किया है, जिसके जरिये उत्तर प्रदेश में विस्फोटों के बाद बांग्लादेश के जरिये आतंकियों को भारत से निकालने की रणनीति बनाई गई थी। इसके लिए आतंकियों के फर्जी पासपोर्ट बनाये जाने थे। सूत्रों के मुताबिक यूपी एटीएस ने केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों को भटकल की सूचनाओं के सत्यापन के लिए तौफीक से पूछताछ की सलाह दी है।
उत्तर प्रदेश के खुफिया सूत्र बताते हैं कि तौफीक ने पाकिस्तान के एक खुफिया अधिकारी को अपनी पूरी रिपोर्ट भेजी थी। आइएसआइ में महत्वपूर्ण पद पर तैनात उक्त अधिकारी ने करीब छह माह पहले यासीन भटकल को इस मॉडल के साथ नेपाल भेजकर नई जिम्मेदारी सौंपी। तभी इंटेलीजेंस ब्यूरो को इस मिशन की भनक लग गयी। भटकल नेपाल में पोखरा को केंद्र बनाकर सक्रिय था। इस बीच आइबी के दो अधिकारियों ने पोखरा में किराये का मकान लिया और उसकी रेकी शुरू कर दी। करीब दस दिन पूर्व नेपाल, पाकिस्तान और यूपी-बिहार के 23 लोगों की एक बैठक पोखरा में हुई। इनमें नेपाल, पाकिस्तान और यूपी-बिहार के युवाओं के अलावा कई चेहरे तौफीक के खोजे हुए थे। भटकल हाथ से निकल न जाए, इसलिए आइबी ने नेपाल सरकार की मदद से उस पर हाथ डाल दिया। यासीन के साथ ही असदुल्लाह अख्तर पकड़ा गया।
तौफीक ने बांग्लादेश में की थी शादी
कई भाषाओं के जानकार तमिलनाडु के तंजौर जिले के आदिराम पट्टिनाम निवासी तौफीक ने बांग्लादेश, नेपाल, दुबई और पाकिस्तान में अपना नेटवर्क बना लिया था। हिंदी, उर्दू, अंग्रेजी, बांग्ला और तमिल भाषाओं पर पकड़ रखने वाले तौफीक ने 2002 में न्यू विजन तथा 2007 में इरेवियन अनरूवेन नाम की तंजीम स्वयं स्थापित की। 2008 में अवैध रूप से सीमा लांघकर वह बांग्लादेश चला गया। वहां सलमा नाम की महिला से दूसरा निकाह भी कर लिया, ताकि बांग्लादेश की नागरिकता प्राप्त कर पहचान पत्र और पासपोर्ट हासिल कर सके। तौफीक 2011 में बांग्लादेश से अवैध रूप से फिर भारतीय सीमा में प्रवेश कर गया और फिर नेपाल, कोलकाता, गोरखपुर, बहराइच और लखनऊ में रहकर अपनी मुहिम की भूमिका बनाई। तौफीक वर्ष 2001 में दमाह, सऊदी अरब पहुंच गया और लगभग डेढ़ वर्ष वहां रहकर देश विरोधी गतिविधियों का प्रशिक्षण लिया। वीसा अवधि समाप्त होने के बाद तौफीक को सऊदी अरब से निष्कासित कर दिया गया और फिर मुंबई आकर इमरान अजीज नामक आतंकी के घर रहने लगा। यहां उसके कई संगठनों से संबंध बन गये। इमरान नवंबर 2002 में आंध्रप्रदेश के सांईबाबा मंदिर दिलसुख नगर, हैदराबाद ब्लास्ट के मामले में पुलिस मुठभेड़ में मारा गया। इमरान के मारे जाने के बाद तौफीक ने अपनी राह बदल दी।
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