सुप्रीम कोर्ट का निचली अदालतों को निर्देश, तब्लीगी जमात के विदेशी सदस्यों के मामलों की सुनवाई करें तेज

पीठ ने पाया कि अदालत को ऐसी याचिकाओं को तेजी से निपटाना चाहिए। सिंह ने कहा कि यह विदेशी तब्लीगियों के लिए सजा बन गई है। रिहाई के बाद भी पुनर्विचार के लिए आवेदन किया गया है और अब उस पर सुनवाई होगी।

By Dhyanendra SinghEdited By: Publish:Mon, 02 Nov 2020 06:13 PM (IST) Updated:Mon, 02 Nov 2020 06:13 PM (IST)
सुप्रीम कोर्ट का निचली अदालतों को निर्देश, तब्लीगी जमात के विदेशी सदस्यों के मामलों की सुनवाई करें तेज
आगे की सुनवाई के लिए 20 नवंबर की तारीख तय की गई

नई दिल्ली, प्रेट्र। सुप्रीम कोर्ट ने निचली अदालत से कहा कि वीजा नियमों के उल्लंघन के आरोपी तब्लीगी जमात के विदेशी सदस्यों के खिलाफ दायर मुकदमों की सुनवाई में तेजी लाएं। जस्टिस एएम खानविलकर, दिनेश माहेश्वरी और संजीव खन्ना की पीठ ने जमात के 13 विदेशी सदस्यों को निजामुद्दीन में एक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए काली सूची में डालने के अनुरोध वाली याचिकाओं पर आगे की सुनवाई के लिए 20 नवंबर की तारीख तय की है और निचली अदालत से इनके मामलों की सुनवाई तेजी से करने को कहा।

जमात के सदस्यों की ओर से पेश वरिष्ठ वकील मेनका गुरुस्वामी ने कहा कि आठ सदस्यों की रिहाई की मांग वाली याचिका पर निचली अदालत में 10 नवंबर को सुनवाई होनी है। वहीं वरिष्ठ वकील सीयू सिंह ने कहा कि प्रशासन ने मामले में पुनर्विचार की मांग की है, जिसमें जमात के कुछ सदस्यों को रिहा कर दिया गया है।

पीठ ने पाया कि अदालत को ऐसी याचिकाओं को तेजी से निपटाना चाहिए। सिंह ने कहा कि यह विदेशी तब्लीगियों के लिए सजा बन गई है। रिहाई के बाद भी पुनíवचार के लिए आवेदन किया गया है और अब उस पर सुनवाई होगी। उन्हें अपने देश वापस जाने की अनुमति नहीं दी गई है। इससे पहले, शीर्ष अदालत ने इन विदेशी तब्लीगी सदस्यों की याचिका पर बिहार सरकार से जवाब मांगा था। वे चाहते थे कि उनके मामले राज्य में एक ही अदालत को सौंप दिए जाएं।

केंद्र की ओर से पेश सालिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि सारे मामले एक ही अदालत में सुने जाने पर उन्हें कोई आपत्ति नहीं है। दिल्ली में साकेत की अदालत में सभी मामलों की एक साथ सुनवाई हो भी रही है।

इससे पूर्व केंद्र ने कोर्ट को बताया कि 35 देशों के जिन तब्लीगी सदस्यों ने खुद को काली सूची में डालने को चुनौती दी है उनके खिलाफ जारी लुकआउट नोटिस वापस ले ली गई हैं। ज्ञात हो, 11 राज्यों में तब्लीग के 2,765 सदस्यों के खिलाफ 205 एफआइआर दर्ज कराई गई हैं। इनमें से 2,679 लोगों के वीजा रद किए जा चुके हैं। बाकी 86 नेपाली नागरिक हैं जिन्हें वीजा की जरूरत नहीं होती।

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