सुप्रीम कोर्ट ने सीपीसीबी से मांगी मथुरा में यमुना के प्रदूषण की स्थिति रिपोर्ट, छह हफ्ते का समय

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को मथुरा में यमुना के प्रदूषण की स्थिति पर एक रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया है। साथ ही उसे साफ करने के लिए जरूरी कदमों का ब्योरा भी मांगा है।

By Tilak RajEdited By: Publish:Tue, 01 Oct 2019 07:38 PM (IST) Updated:Tue, 01 Oct 2019 07:38 PM (IST)
सुप्रीम कोर्ट ने सीपीसीबी से मांगी मथुरा में यमुना के प्रदूषण की स्थिति रिपोर्ट, छह हफ्ते का समय
सुप्रीम कोर्ट ने सीपीसीबी से मांगी मथुरा में यमुना के प्रदूषण की स्थिति रिपोर्ट, छह हफ्ते का समय

नई दिल्ली, प्रेट्र। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) को मथुरा में यमुना के प्रदूषण की स्थिति पर एक रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया है। साथ ही उसे साफ करने के लिए जरूरी कदमों का ब्योरा भी मांगा है। शीर्ष अदालत ने इस काम के लिए छह हफ्ते का समय दिया है, साथ ही एक अधिकारी को इसका जिम्मा सौंपने को कहा है। यमुना की सफाई का मुद्दा काफी समय से चला आ रहा है।

जस्टिस अरुण मिश्रा और जस्टिस रविंद्र भट की पीठ उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (यूपीपीसीबी) की याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसने नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के चार अप्रैल, 2017 के आदेश को चुनौती दी है। एनजीटी ने यूपीपीसीबी और मथुरा कैंटोनमेंट बोर्ड को यमुना को प्रदूषित करने के लिए क्रमश: पांच लाख और 10 लाख रुपये का पर्यावरणीय मुआवजा (ईसी) अदा करने का आदेश दिया था। इसके अलावा एनजीटी ने यूपीपीसीबी को ग्रीन बेल्ट विकसित करने और डंपिंग साइट व यमुना के बीच एक दीवार का निर्माण करने का आदेश दिया था, ताकि किसी भी तरह का कचरा यमुना में न जाए।

सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा, 'सीपीसीबी एक अधिकारी प्रतिनियुक्त करे जो उक्त स्थान पर जाए और रिपोर्ट दाखिल कर बताए कि आदेशानुसार दीवार का निर्माण किया गया अथवा नहीं। वह ग्रीन बेल्ट विकसित किए जाने के बारे में भी रिपोर्ट देगा और यह भी बताएगा कि नदी को साफ करने के लिए और क्या उपाय किए जाने चाहिए।'

इधर, हरियाणा में विधानसभा चुनाव के लिए नामांकन शुरू होते ही पानी को लेकर राजनीति भी जोर पकड़नी शुरू हो गई है। दिल्‍ली के मुख्‍यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पानीपत में यमुना नदी में बढ़े अमोनिया के स्‍तर को लेकर एक ट्वीट किया है। उन्‍होंने कहा कि पानीपत में यमुना नदी में अमोनिया मिला कचरा फेंका जा रहा है, जिसके कारण चंद्रावल और वजीराबाद वाटर ट्रीटमेंट प्‍लांट को बंद करने की स्‍थिति बन गई है। अमोनिया की मात्रा बढ़ने के कारण रविवार और सोमवार को दिल्‍ली के कई इलाकों में पानी की सप्‍लाई बाधित रही।

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