Lok Sabha Election 2024: उत्तर-पश्चिम मुंबई लोकसभा सीट पर शिंदे गुट ने उतारा प्रत्याशी, विधायक रवींद्र वायकर को दिया टिकट
Lok Sabha Election 2024 शिवसेना शिंदे गुट ने विधायक रवींद्र वायकर को उत्तर-पश्चिम मुंबई लोकसभा सीट से अपना प्रत्याशी घोषित किया है। शिवसेना (यूबीटी) की टिकट पर अमोल कीर्तिकर पहले ही चुनाव मैदान में हैं। इस लोकसभा सीट से फिल्म अभिनेता सुनील दत्त पांच बार सांसद थे। संसदीय सीट के अंतर्गत छह विधानसभा सीटें आती हैं। इनमें से तीन पर भाजपा का कब्जा है।
ओमप्रकाश तिवारी, मुंबई। उत्तर-पश्चिम मुंबई लोकसभा क्षेत्र से मुकाबले की स्थिति आज साफ हो गई। शिवसेना (शिंदे गुट) ने यहां से अपने विधायक रवींद्र वायकर को उम्मीदवारी दी है। शिवसेना (यूबीटी) इस सीट से पहले ही अमोल कीर्तिकर को अपना उम्मीदवार घोषित कर चुकी है।
यहां से पांच बार सांसद रहे सुनील दत्त
मुंबई उपनगर की यह सीट उत्तर-भारतीय बहुल मानी जाती है। यही कारण है कि यहां से अभिनेता सुनील दत्त पांच बार एवं उनके निधन के बाद उनकी पुत्री प्रिया दत्त एक बार सांसद रही हैं। मशहूर वकील रहे राम जेठमलानी भी 1977 एवं 1980 में इस सीट से जीत चुके हैं, लेकिन लंबे समय से इस सीट पर कांग्रेस को चुनौती देनेवाली शिवसेना ही रही है।
इस सीट पर भाजपा ने कभी नहीं लड़ा चुनाव
इस संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत आनेवाली छह में से तीन विधानसभाओं पर भाजपा का कब्जा जरूर है, लेकिन भाजपा ने कभी इस लोकसभा क्षेत्र से चुनाव नहीं लड़ा। यही कारण है कि इस बार भी सीट बंटवारे में यह सीट शिवसेना शिंदे गुट के पक्ष में गई और उसने इसी संसदीय सीट के अंतर्गत आनेवाले जोगेश्वरी (पूर्व) विधानसभा क्षेत्र के विधायक रवींद्र वायकर को उम्मीदवारी दे दी है।
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वायकर को उम्मीदवारी दिए जाने से पहले कई और नामों पर भी चर्चा चल रही थी। माना जा रहा था कि कांग्रेस को अलविदा कह चुके संजय निरुपम को शिवसेना अपना उम्मीदवार बना सकती है।लेकिन अब रवींद्र वायकर को उम्मीदवारी देकर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मुकाबला रोचक बना दिया है।
तीन विधानसभा सीटों पर भाजपा का कब्जा
वायकर 2009 से जोगेश्वरी पूर्व विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते आ रहे हैं, और अच्छे-खासे अंतर से जीतते रहे हैं। इस संसदीय सीट के अंतर्गत आनेवाले गोरेगांव, अंधेरी पश्चिम एवं वर्सोवा विधानसभा क्षेत्रों से भाजपा के विधायक हैं। भाजपा महायुति में शिवसेना शिंदे गुट का वरिष्ठ सहयोगी दल है। दूसरी ओर सिर्फ दो विधानसभा क्षेत्रों से शिवसेना (यूबीटी) के विधायक हैं।
इस क्षेत्र में हिंदीभाषी मतदाताओं की संख्या भी अधिक है, इसलिए इसका नुकसान भी शिवसेना (यूबीटी) को ही उठाना पड़ सकता है। अब मुंबई में सिर्फ दक्षिण मुंबई लोकसभा क्षेत्र में ही महायुति का उम्मीदवार तय होना रह गया है।
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