जल प्रबंधन के तय होंगे मानक, होगी रैकिंग

नीति आयोग ने इस दिशा में कदम बढ़ाते हुए बुधवार को राज्यों के शीर्ष अधिकारियों की बैठक बुलाकर 'कंपोजिट वाटर इंडेक्स' पर विचार विमर्श किया।

By Manish NegiEdited By: Publish:Wed, 14 Jun 2017 09:45 PM (IST) Updated:Wed, 14 Jun 2017 09:45 PM (IST)
जल प्रबंधन के तय होंगे मानक, होगी रैकिंग
जल प्रबंधन के तय होंगे मानक, होगी रैकिंग

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। दुनियाभर में बढ़ते जल संकट के मद्देनजर नीति आयोग पानी के प्रबंधन के मानकों पर राज्यों की रैंकिंग करेगा। कौन राज्य अपने यहां जल संसाधनों का बेहतर ढंग से प्रबंधन कर रहा है, उस आधार पर उसका स्थान तय होगा। राज्यों की पहली रैकिंग जनवरी 2018 में जारी होगी।

नीति आयोग ने इस दिशा में कदम बढ़ाते हुए बुधवार को राज्यों के शीर्ष अधिकारियों की बैठक बुलाकर 'कंपोजिट वाटर इंडेक्स' पर विचार विमर्श किया। नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) अमिताभ कांत ने कहा कि यह इंडेक्स 28 मानकों पर आधारित है जिसमें सिंचाई, पेयजल और अन्य बिन्दुओं को शामिल किया गया है। उन्होंने कहा कि जल संरक्षण और प्रबंधन के मुख्य बिन्दुओं पर राज्यों को उनके प्रदर्शन के आधार पर अंक दिए जाएंगे। साथ ही जल संरक्षण से संबंधित उनकी नीतियों को संज्ञान में लिया जाएगा।

सिंचाई के क्षेत्र में राज्यों का प्रदर्शन आंकने के लिए ड्रिप इरीगेशन की दिशा में उठाए गए कदमों को संज्ञान में लिया जाएगा। खास तौर से इस बात को ध्यान में रखा जाएगा कि राज्यों के शहरी क्षेत्रों में कितने परिवारों को जलापूर्ति की जा रही है और कितने प्रतिशत परिवारों से पानी का शुल्क वसूला जा रहा है। साथ ही ग्रामीण क्षेत्र में जल आपूर्ति के मानकों की कसौटी पर भी राज्यों के प्रदर्शन का आकलन किया जाएगा। आर्सेनिक और फ्लोराइड प्रभावित बस्तियों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। आयोग की ओर से बुलायी गयी इस शीर्ष स्तरीय बैठक में केंद्रीय जल संसाधन मंत्रालय और पेयजल व स्वच्छता विभाग के सचिव भी मौजूद रहे। बैठक में उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश सहित कई राज्यों ने प्रजेंटेशन दिया और अपने-अपने यहां जल संरक्षण की दिशा में किए जा रहे उपायों का ब्यौरा दिया।

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