बलिदान को कभी नहीं भुलाया जाता, शहीदों के सम्मान में तैयार हुआ राष्ट्रीय युद्ध स्मारक

दुनिया के प्रमुख देशों में भारत शायद एक मात्र ऐसा देश था जिसके पास वॉर मेमोरियल नहीं था।

By Bhupendra SinghEdited By: Publish:Wed, 02 Jan 2019 08:56 PM (IST) Updated:Wed, 02 Jan 2019 08:56 PM (IST)
बलिदान को कभी नहीं भुलाया जाता, शहीदों के सम्मान में तैयार हुआ राष्ट्रीय युद्ध स्मारक
बलिदान को कभी नहीं भुलाया जाता, शहीदों के सम्मान में तैयार हुआ राष्ट्रीय युद्ध स्मारक

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। एक लंबे इंतजार के बाद आखिरकार शहीदों के लिए प्रस्तावित नेशनल वॉर मेमोरियल अब राजधानी दिल्ली में बनकर तैयार हो गया है। 176 करोड़ की लागत से बनकर तैयार हुआ नेशनल वॉर मेमोरियल का उद्घाटन प्रधानमंत्री 25 जनवरी को कर सकते है। लंबे वक्त से राजनीतिक और प्रशासकीय उदासीनता का शिकार होते आए वॉर मेमोरियल को 60 साल पहले ही प्रस्तावित किया गया था। वॉर मेमोरियल का उद्घाटन पिछले साल 15 अगस्त 2018 को ही होना था, पर समय पर काम पूरा नहीं होने के कारण इसको टाल दिया गया था।

शहीदों के सैनिकों के सम्मान में बनाया गया है नेशनल वॉर मेमोरियल

राष्ट्रीय युद्ध स्मारक आजादी के बाद से विभिन्न युद्धों में शहीद होने वाले 22600 से अधिक सैनिकों के सम्मान में बनाया गया है। केंद्र की सरकार ने अक्टूबर 2015 में इसके लिए ये धनराशि स्वीकृत की थी। वॉर मेमोरियल सैन्य बलों की लंबे अर्से से लंबित भावुक मांग को पूरा करेगा, जिसमें उन्होंने सालों तक इसे दिल्ली से बाहर कहीं शिफ्ट किए जाने का विरोध किया।

रक्षा मंत्रालय के अधिकारी के अनुसार दुनिया के प्रमुख देशों में भारत शायद एक मात्र ऐसा देश था जिसके पास वॉर मेमोरियल नहीं था। इससे पहले प्रथम विश्व युद्ध में शहीद हुए 84000 भारतीय जवानों की याद में अंग्रेजों शासकों ने इंडिया गेट बनवाया थ। बाद में 1971 के युद्ध में शहीद हुए 3843 सैनिकों के सम्मान में अमर जवान ज्योति बनाई गई थी।

अधिकारियों का कहना है कि नेशनल वॉर मेमोरियल को ऐसे तैयार किया गया है ताकि राजपथ और इसकी भव्य संरचना के साथ कोई छेड़छाड़ न हो। इससे लगे प्रस्तावित नैशनल वॉर म्यूजियम के लिए एक उपयुक्त डिजाइन तय किए जाने की प्रक्रिया में है। अधिकारी ने बताया कि इसकी शुरुआती लागत करीब 350 करोड़ रुपये है और इसे तैयार होने में कुछ साल लगेंगे।

इस राष्ट्रीय युद्ध स्मारक में अमर चक्र, वीर चक्र, त्याग चक्र और रक्षा चक्र के साथ शाश्वत लौ भी जलता रहेगी, जो दर्शाता है कि सैनिकों द्वारा किए गए बलिदान को कभी नहीं भुलाया जाता है। केंद्रित गोलाकार डिजाइन में बनाया गया यह स्मारक लगभग 40 एकड़ में फैला है और इसके केंद्र में 15 मीटर ऊंचा स्मारक स्तंभ बनाया गया है।

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