एसिड अटैक : अशोक ने वारदात से पहले की थी रिहर्सल
डॉक्टर अमृत कौर पर तेजाब फिकवाने से पहले अशोक यादव ने पूरी रिहर्सल की थी। वारदात की योजना बनाने के बाद उसने दोनों नाबालिगों को सीरिंज व तेजाब उपलब्ध करा दिया था। इसके बाद उसने खुद के चेहरे पर चलते समय सड़क पर मोटरसाइकिल सवार नाबालिगों से सीरिंज से पानी
नई दिल्ली। डॉक्टर अमृत कौर पर तेजाब फिकवाने से पहले अशोक यादव ने पूरी रिहर्सल की थी। वारदात की योजना बनाने के बाद उसने दोनों नाबालिगों को सीरिंज व तेजाब उपलब्ध करा दिया था। इसके बाद उसने खुद के चेहरे पर चलते समय सड़क पर मोटरसाइकिल सवार नाबालिगों से सीरिंज से पानी फिंकवाया था। वह देखना चाहता था कि पानी चेहरे के किस हिस्से पर गिरता है। जब वह निश्चिंत हो गया कि दोनों नाबालिगों का निशाना ठीक है तो उसने उन्हें वारदात करने का आदेश दिया।
पुलिस पूछताछ में पता चला कि दोनों नाबालिगों को तेजाब फेंकने के लिए डॉक्टर अशोक ने बाकायदा ट्रेनिंग दी थी। इस काम में वैभव ने भी उसका साथ दिया। नाबालिगों को उन्होंने अच्छी तरह समझा दिया था कि वारदात के बाद कैसे फरार होना है। वारदात से पहले उन्होंने आरोपियों से इलाके की अच्छे ढंग से रेकी करने के लिए भी कहा था। नाबालिगों को अमृत कौर के घर से निकलने के समय और रूट की जानकारी भी मुहैया करा दी गई थी।
पीछा कर दिया वारदात को अंजाम
पूछताछ में सामने आया कि 23 दिसंबर को दोनों नाबालिग सुबह से डीडीयू अस्पताल, एलआइजी फ्लैट के समीप खड़े हो गए थे। जब अमृत कौर स्कूटी पर घर से निकलीं तो दोनों उनका पीछा करने लगे। करीब साढ़े तीन किलोमीटर तक पीछा करने के बाद सुबह करीब 9:20 बजे राजौरी गार्डन मार्केट के समीप मौका मिलने पर मोटरसाइकिल चला रहे नाबालिग ने स्कूटी पर पैरों के समीप रखा अमृत कौर का पर्स लूट लिया। इसके बाद पीछे बैठे उसके साथी ने बिल्कुल समीप से उनके चेहरे पर सीरिंज से तेजाब फेंक दिया था। वारदात के बाद दोनों फरार हो गए थे।
रंग लाई पुलिस की मेहनत
पश्चिमी जिला पुलिस उपायुक्त पुष्पेंद्र कुमार के अनुसार शुरूआती जांच में मामला निजी दुश्मनी तथा लूटपाट का लग रहा था। मामले के खुलासे में पश्चिमी जिला स्पेशल स्टाफ के इंस्पेक्टर एसएस राठी, एसआई संदीप डबास, चरण सिंह, राजौरी गार्डन के एसएचओ सुनील मित्तल व दक्षिण पश्चिम जिला एएटीएस इंस्पेक्टर राज कुमार सहित कुल 12 टीम गठित की गईं। पीड़ित के दोस्तों व परिजनों से पूछताछ के बाद डॉक्टर अशोक यादव पर शक हुआ। आरोपी को पूरा यकीन था कि बिना पकड़े वह वह अपने मकसद में कामयाब रहेगा। मगर पुलिस की मेहनत रंग लाई और सभी आरोपी पकड़े गए।
अशोक यादव (32) मूल रूप से हरियाणा के झज्जर के मुंडा हेड़ा गांव का रहने वाला है। उसके पिता ओम प्रकाश यादव आइटीबीपी से कमांडेंट के पद से सेवानिवृत्त हुए हैं। डॉ. अशोक ने दस साल पूर्व रूस से एमबीबीएस की पढ़ाई की थी। वह एमआइजी फ्लैट मायापुरी में रहता है। दिल्ली में डीडीयू अस्पताल में डॉ. अमृत कौर के साथ जूनियर रेजीडेंट डॉक्टर के तौर पर उसने नौकरी शुरू की। वर्तमान में वह बसई दारापुर स्थित ईएसआइ अस्पताल में सीनियर रेजीडेंट के पद पर नौकरी कर रहा था। वैभव (20) प्रताप नगरी हरि नगर में रहता है। वह 12 वीं पास है। डॉ.अशोक का पुराना दोस्त है। डॉ.अशोक का जनकपुरी में कॉल सेंटर भी है, जहां पहले वह नौकरी करता था। फिलहाल वह बेरोजगार था। वैभव ने ही डॉ. अशोक से दोनों नाबालिगों को मिलवाया था। तब चारों ने मिलकर साजिश रची थी।