तीन धर्मो में उलझी रंजीत की कहानी

राष्ट्रीय शूटर तारा शाहदेव पर शादी के बाद इस्लाम धर्म अपनाने का दबाव बनाने वाले रंजीत सिंह कोहली उर्फ रकीबुल हसन खान की तीन धर्मो में उलझी कहानी में अब तक पुलिस फंसी हुई है। मामला सामने आने के चार दिन बाद भी उसके ¨हदू, मुस्लिम व सिख होने के बराबर दावे किए जा रहे हैं। खुद कोहली ने अपने पत्र में बताया था कि वह सिख है और सभी धर्मो को मानता है। गीता, कुरान व बाइबिल पढ़ता है। हालांकि तारा से शादी उसने ¨हदू रीति-रिवाज से की और बाद में उस पर इस्लाम अपनाने का दबाव बनाने लगा। बुधवार को झारखंड के मंत्री हाजी हुसैन अंसारी ने दावा किया कि रंजीत अब रकीबुल बन चुका है और इसकी जानकारी उन्हें खुद कोहली ने दी थी।

By Edited By: Publish:Wed, 27 Aug 2014 12:12 PM (IST) Updated:Thu, 28 Aug 2014 12:50 AM (IST)
तीन धर्मो में उलझी रंजीत की कहानी

जागरण न्यूज नेटवर्क, नई दिल्ली। राष्ट्रीय शूटर तारा शाहदेव पर शादी के बाद इस्लाम धर्म अपनाने का दबाव बनाने वाले रंजीत सिंह कोहली उर्फ रकीबुल हसन खान की तीन धर्मो में उलझी कहानी में अब तक पुलिस फंसी हुई है। मामला सामने आने के चार दिन बाद भी उसके ¨हदू, मुस्लिम व सिख होने के बराबर दावे किए जा रहे हैं। खुद कोहली ने अपने पत्र में बताया था कि वह सिख है और सभी धर्मो को मानता है। गीता, कुरान व बाइबिल पढ़ता है। हालांकि तारा से शादी उसने ¨हदू रीति-रिवाज से की और बाद में उस पर इस्लाम अपनाने का दबाव बनाने लगा। बुधवार को झारखंड के मंत्री हाजी हुसैन अंसारी ने दावा किया कि रंजीत अब रकीबुल बन चुका है और इसकी जानकारी उन्हें खुद कोहली ने दी थी।

हाजी ने बताया कि 'रंजीत सिंह कोहली ने मुझसे कहा था कि उसने धर्मातरण कर लिया है, अब उसका नाम रकीबुल है।' मंत्री ने कहा कि सरकारी काम के सिलसिले में गत एक साल में मैं उससे कई बार मिला था। पिछले दिनों मैंने उसे इफ्तार का न्योता भी भेजा था। इधर, दिल्ली की अदालत में बुधवार को पेश होने से पूर्व पूछताछ में रंजीत ने बताया कि वह पहले सिख था। 2007 में तांत्रिक आरिफ के संपर्क में आने पर उसने धर्म परिवर्तन कराया था। आरिफ उसे नमाज व कुरान पढ़ने को कहता था। धर्म परिवर्तन के बाद भी उसने दो नाम रखे हुए थे। कुछ लोग उसे रंजीत कोहली तो कुछ रकीबुल हसन के नाम से जानते हैं।

दरअसल, कौशर परवीन से कौशल्या रानी बनी कोहली की मां ने पंजाबी की पत्नी बनने के बाद भी मुस्लिम धर्म नहीं छोड़ा। वह रंजीत के पिता सरदार हरमन सिंह कोहली के घर बर्तन धोने आया करती थी। बाद में हरमन सिंह ने उसे अपनी पत्नी बना लिया। हरमन सिंह पटना में सेल्स टैक्स अधिकारी थे, लेकिन पति की मौत के बाद कौशल फिर घरों में बर्तन मांजने लगी।

¨हदू, मुस्लिम व सिख संगठनों ने किया किनारा:

रंजीत उर्फ रकीबुल हसन वैसे तो खुद को सभी धर्मो का पैरोकार बताता है, लेकिन सभी धर्मो के संगठन उससे किनारा कर रहे हैं। सिख समाज व मुस्लिम अंजुमन ने स्पष्ट कहा है कि उनके समाज से रंजीत उर्फ रकीबुल का कोई लेना देना नहीं है। रांची मेन रोड गुरुद्वारा के महासचिव गगनदीप सिंह सेठी ने कहा है कि रंजीत कभी गुरुद्वारे नहीं आया और न ही कभी अरदास या अन्य धार्मिक आयोजन में शरीक हुआ। वह सिख धर्म और पंजाबी कौम को बदनाम कर रहा है।

अंजुमन इस्लामिया रांची की बैठक में अंजुमन के सदर इबरार अहमद ने कहा कि रंजीत सिंह कोहली पैदाइशी पंजाबी ¨हदू है। उसे कभी नमाज पढ़ते नहीं देखा गया। उससे मुस्लिम समुदाय का कोई लेना-देना नहीं है। ¨हदू संगठन फिलहाल लगातार कोहली का विरोध कर रहे हैं।

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