खरीफ के साथ रबी सीजन को भी दे गया मिट्टी में पर्याप्त नमी की सौगात, 10 से शुरु होगी मानसून की विदाई

मानसून की विदाई 10 से 12 सितंबर से शुरु हो जाएगी। इस बार मानसून की कुल बारिश 655 मिलीमीटर हुई है।

By Bhupendra SinghEdited By: Publish:Thu, 06 Sep 2018 07:27 PM (IST) Updated:Fri, 07 Sep 2018 12:29 AM (IST)
खरीफ के साथ रबी सीजन को भी दे गया मिट्टी में पर्याप्त नमी की सौगात, 10 से शुरु होगी मानसून की विदाई
खरीफ के साथ रबी सीजन को भी दे गया मिट्टी में पर्याप्त नमी की सौगात, 10 से शुरु होगी मानसून की विदाई

सुरेंद्र प्रसाद सिंह, नई दिल्ली। मानसून अपनी विदाई की बेला में पहुंचने वाला है। जून से लेकर सितंबर तक चार महीने सक्रिय रहने वाला मानसून इस बार पूरे देश को समान रूप से भिगोया, जो अब अपने अंतिम चरण में है। खरीफ सीजन की बंपर पैदावार की संभावना के साथ आगामी रबी सीजन की फसलों के लिए मिट्टी में पर्याप्त नमी की सौगात दे गया। अंतिम दौर की बारिश से मिट्टी में नमी बढ़ जाएगी, जो रबी सीजन की फसलों की बुवाई के लिए बहुत मुफीद साबित होगी। देश के प्रमुख सभी जलाशयों में पानी पिछले साल के मुकाबले दोगुना भर चुका है। ताल-तलैया, पोखर और जलाशय लबालब भर गये हैं। इससे जहां भूजल के स्तर में सुधार हुआ है, वहीं नहरों में पर्याप्त पानी की आपूर्ति होने की संभावना है।

अंतिम चरण की बारिश से मिट्टी में बढ़ेगी नमी, रबी सीजन की बुवाई के लिए मुफीद

मानसून लगातार तीसरे साल अपने अंतिम चरण में भी खूब बरसा है। मौसम विभाग के मुताबिक बंगाल की खाड़ी में ताजा निम्न दवाब का क्षेत्र बनने लगा है, जिससे देश के उत्तरी राज्यों में अगले सप्ताह जमकर बरसात होने की संभावना है। विदा होता मानसून जमीन को और नमी दे जाएगा। आमतौर पर मानसून की विदाई सितंबर के पहले सप्ताह से चालू हो जाती रही है, जो अक्तूबर तक समाप्त हो जाता है। लेकिन पिछले कुछ सालों से मानसून के लौटने की तारीख लगातार आगे बढ़ती जा रही है।

भारतीय मौसम विभाग के महानिदेशक केजे रमेश का कहना है कि मानसून की विदाई 10 से 12 सितंबर से शुरु हो जाएगी। इस बार मानसून की कुल बारिश 655 मिलीमीटर हुई है, जबकि मानसून की नार्मल बरसात 700 मिली मीटर है। रमेश का दावा है कि अप्रैल में जो पूर्वानुमान मौसम विभाग ने किया था, वह पूरी तरह से सही साबित हुआ है।

केंद्रीय कृषि आयुक्त सुरेश कुमार मल्होत्रा का कहना है कि इस बार शानदार बारिश हुई है। आंकड़ों के हिसाब से भले ही छह फीसद की कम बरसात हुई है, लेकिन बारिश का वितरण समान रूप से हुआ है। खेती के लिहाज यह बहुत अच्छा कहा जा सकता है।

शानदार बारिश से प्रमुख जलाशय लबालब, सुधरा भूजल

मानसून के अंतिम चरण में होने वाली बारिश का बहुत फायदा हो रहा है। देश के प्रमुख 91 जलाशयों में 162 बिलियन क्यूबिक मीटर (बीसीएम) पानी भर गया है। जबकि पिछले साल केवल 85 बीसीएम पानी ही इन जलाशयों में भर सका था। यह 134 फीसद अधिक है। इससे भूजल रिचार्ज होगा और रबी सीजन की खेती के लिए बहुत अच्छी संभावनाएं हैं। कुल 36 क्लाइमेट जोन में से 26 में बहुत ही अच्छी बरसात हुई है। 10 जोन ऐसे हैं, जो पश्चिमी राजस्थान, गुजरात का सौराष्ट्र व कच्छ, झारखंड, उत्तरी कनार्टक और रायलसीमा क्षेत्र है। 

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