अल्पसंख्यक कोटे के लिए संविधान संशोधन की तैयारी

आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट द्वारा सरकारी नौकरियो और उच्च शिक्षण संस्थानो मे 4.5 फीसद अल्पसंख्यक कोटे को खारिज करने के बावजूद केद्र सरकार कदम पीछे खीचने को तैयार नही है। हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ अगले सोमवार या मंगलवार तक सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारियो मे जुटी सरकार ने संकेत दिए है कि वह अल्पसंख्यको को आरक्षण दिलाने के लिए संविधान संशोधन के स्तर तक जा सकती है।

By Edited By: Publish:Thu, 31 May 2012 03:20 AM (IST) Updated:Thu, 31 May 2012 04:57 AM (IST)
अल्पसंख्यक कोटे के लिए संविधान संशोधन की तैयारी

नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट द्वारा सरकारी नौकरियों और उच्च शिक्षण संस्थानों में 4.5 फीसद अल्पसंख्यक कोटे को खारिज करने के बावजूद केंद्र सरकार कदम पीछे खींचने को तैयार नहीं है। हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ अगले सोमवार या मंगलवार तक सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारियों में जुटी सरकार ने संकेत दिए हैं कि वह अल्पसंख्यकों को आरक्षण दिलाने के लिए संविधान संशोधन के स्तर तक जा सकती है।

केंद्रीय उच्च शिक्षण संस्थानों में पिछड़ों के 27 प्रतिशत कोटे में से अल्पसंख्यकों के 4.5 प्रतिशत आरक्षण का मामला मानव संसाधन विकास मंत्रालय से जुड़ा है। लिहाजा उसने भी इस दिशा में अपनी तैयारी कर ली है। सूत्रों के मुताबिक, सरकार अपने इस फैसले से किसी कीमत पर पीछे नहीं हटने जा रही। फिलहाल, वह इस पर सुप्रीम कोर्ट के रुख का इंतजार कर रही है, लेकिन भविष्य में जरूरी हुआ तो वह इसके लिए संविधान संशोधन करने की हद तक भी जा सकती है।

गौरतलब है कि हाई कोर्ट के फैसले के बाद कुछ सियासी दल व मुस्लिम संगठन सरकार की नीयत पर सवाल उठाने लगे हैं। उर्दू मीडिया के पत्रकारों से बातचीत के दौरान बुधवार को इस सवाल से मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल को भी रूबरू होना पड़ा। अल्पसंख्यक आरक्षण को हाई कोर्ट के रद करने की वजह कहीं सरकार की तरफ से कमी तो नहीं थी? सिब्बल ने कहा कि किसी मामले में फैसला देना कोर्ट के अधिकार में है। उसका सम्मान होना चाहिए, लेकिन फिक्र मत करिए। सरकार इस मामले में सोमवार या मंगलवार तक सुप्रीम कोर्ट जा सकती है।

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