'इंडिया मिशन' के इस पहल से भारत-नेपाल संबंध होंगे और मजबूत

भारत और नेपाल के आसपास दो सप्ताह तक चलने वाले इस तीर्थयात्रा को गुरुवार को झंडी दिखा दी गई थी थी।

By Srishti VermaEdited By: Publish:Fri, 15 Dec 2017 01:50 PM (IST) Updated:Fri, 15 Dec 2017 01:50 PM (IST)
'इंडिया मिशन' के इस पहल से भारत-नेपाल संबंध होंगे और मजबूत
'इंडिया मिशन' के इस पहल से भारत-नेपाल संबंध होंगे और मजबूत

काठमांडु (एएनआई)। नेपाल के काठमांडू से कुल 36 श्रद्धालु गुरुवार को भारत के विभिन्न हिस्सों में तीर्थ यात्रा के लिए रवाना हुए। इन यात्रियों में नेपाल के बुजुर्ग नागरिकों की भागीदारी सबसे ज्यादा है। बताया जाता है कि यह तीर्थयात्रा नेपाल में 'इंडिया मिशन' के समर्थन से 'नेपाल भारत फ्रेंडशिप सोसायटी' द्वारा शुरू की जा रही है।

नेपाल भारत फ्रेंडशिप सोसाइटी के अध्यक्ष प्रेम लश्करे ने कहा कि "भारत और नेपाल के संबंध काफी पुराने हैं। और दोनों देशों के सद्भाव वाले रिश्ते में धार्मिक, सामाजिक और सांस्कृतिक संबंध शामिल हैं। दोनों देशों के बीच संस्कृति और अन्य दूसरी चीजों में काफी समानता है। उन्होंने कहा कि नेपाल के लोगों का भारत में तीर्थ यात्रा किये बिना कोई भी श्रद्धा पूरी नहीं होती है। 

भारत और नेपाल के आसपास दो सप्ताह तक चलने वाले इस तीर्थयात्रा को गुरुवार को झंडी दिखा दी गई थी थी।तीर्थयात्री नेपाल के बिरगुंज के रास्ते भारत में प्रवेश करेंगे और फिर हरिहर क्षेत्र, पूनपुं, गया, बोधगाया, काशी बिश्वा नाथ, बिधाबासीनी, चित्रा कुट, इलाहाबाद, प्रयाग, अयोध्या राम जन्मभूमि, गोरख नाथ, ट्रीबी, देवघाट की यात्रा कर वापस काठमांडु लौट आएंगे। 

तीर्थ यात्रा के लिए प्रस्थान करने से पहले एक यात्री ने कहा, "यह स्पष्ट रूप से नेपाल और भारत के बीच के संबंध को और अधिक मजबूत करेगा। उन्होंने कहा कि दो देशों के बीच संबंध केवल राजनीतिक स्तर तक ही सीमित नहीं होना चाहिए बल्कि धार्मिक क्षेत्र में भी संबंध मजबूत हो सकते हैं। 

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