पठानकोट हमला : 'निकाह' में 'बाराती' बनकर आए थे आतंकी, जानिए- सच्चाई

एनआईए ने बताया है कि आतंकवादियों ने पठानकोट हमले का कोड नाम 'निकाह' रखा था। पठानकोट आए हमलावरों को 'बाराती' का नाम दिया गया था।

By Abhishek Pratap SinghEdited By: Publish:Tue, 20 Dec 2016 09:21 AM (IST) Updated:Tue, 20 Dec 2016 02:10 PM (IST)
पठानकोट हमला : 'निकाह' में 'बाराती' बनकर आए थे आतंकी, जानिए- सच्चाई

नई दिल्ली, जेएनएन। सोमवार को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने पठानकोट एयरबेस पर हुए आतंकी हमले में चार्जशीट फाइल की है। पाकिस्तान में जैश-ए-मोहम्मद के आकाओं ने अप्रैल, 2014 में पठानकोट हमले का प्लान बनाया गया था। इसके लिए आतंकियों ने बकायदा गूगल मैप की मदद ली थी। एनआईए ने बताया है कि आतंकवादियों ने इस हमले का कोड नाम 'निकाह' रखा था। पठानकोट आए हमलावरों को 'बाराती' का नाम दिया गया था।

एनआईए की ओर से दाखिल की गई चार्जशीट में मुख्य आरोपी जैश-ए-मोहम्मद के मुखिया मौलाना मसूद अजहर को बताया गया है। इसके अलावा इस चार्जशीट में मुफ्ती अब्दुल रऊफ असगर, डिप्टी चीफ शाहिद लतीफ और लॉन्चिंग हैंडलर काशिफ जान के भी नाम हैं।

एनआईए ने जो जानकारी दी है वो काफी चौंकाने वाली

हमले के दौरान काशिफ जान और उसके सहयोगियों के बीच फेसबुक पर लगातार चैटिंग हो रही थी और भारतीय जवानों के शहीद होने के बाद वे एक-दूसरे को बधाई दे रहे थे। एनआईए के पास इस चैट का ब्योरा है। इसमें इकबाल नाम के एक शख्स ने लिखा, 'क्या कैफियत है, क्या नजारे हैं। बहुत ही उम्दा।'

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एक अन्य चैट में मोहम्मद जिया ने काशिफ से पठानकोट के हालात के बारे में पूछा। इस पर काशिफ का जवाब था, 'नजारे खत्म हुए, बाराती घर गए।' एनआईए ने आरोप लगाया है कि आतंकवादी चाहते थे कि भारत सरकार को यह पता चले कि हमले के पीछे जैश-ए-मोहम्मद का हाथ है।

आतंकवादी अपने साथ हाथ से लिखे हुए नोट्स लाए थे

आतंकवादी जो नोट्स लेकर आए थे इनमें से एक अंग्रेजी में था और दूसरा उर्दू में था। इसमें हमले के मकसद का खुलासा किया गया था। इस नोट में लिखा था, 'जैश-ए-मोहम्मद जिंदाबाद। तंगधार से लेकर सांबा, कठुआ, राजबाग और दिल्ली तक अफजल गुरु शहीद के जान निसार तुमको मिलते रहें। अल्लाह AGS 25-12-15'।

इस साजिश के पीछे 'केवल मसूद अजहर नहीं था

एनआईए ने संकेत दिया है कि हमले का षड्यंत्र बनाने के पीछे पाकिस्तान अधिकारी भी शामिल हो सकते हैं। साथ ही, अजहर के भाई और सहयोगी अब्दुल रऊफ असगर, गुजरांवाला के शाहिद लतीफ और कासिफ लतीफ का नाम भी चार्जशीट में है। हमले के बाद भारतीय सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में जो चार आतंकी मारे गए थे, उनका हैंडलर इसी काशिफ जान को बताया गया है।

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पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर (PoK) में आतंकियों की भर्ती और प्रशिक्षण के लिए शिविर लगाए गए। वहां आतंकियों को कट्टरपंथी शिक्षा देकर न केवल उनका ब्रेन वॉश किया गया, बल्कि उन्हें भारत के खिलाफ जिहाद शुरू करने की जमकर ट्रेनिंग भी दी गई।

लेफ्टिनेंट कर्नल निरंजन के साथ कुल 4 भारतीय जवान इस हमले में शहीद हुए थे। 37 अन्य जख्मी हुए। भारत इस चार्जशीट का इस्तेमाल कर अजहर के लिए संयुक्त राष्ट्र (UN) में प्रतिबंध लगाए जाने की अपनी मांग को मजबूत करेगा। मालूम हो कि 1999 में वाजपेयी सरकार के समय हुए कंधार विमान अपहरण कांड में अजहर को भारत ने रिहा किया था। चीन अभी तक भारत की इस मांग का विरोध करता आया है।

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यह चार्जशीट पंचकुला की एक अदालत में दाखिल की गई। बताया गया है कि जैश के जो आतंकवादी पठानकोट हमले को अंजाम देने आए थे, उन्हें पाकिस्तान में बैठे उनके सरगना नियंत्रित कर रहे थे। काशिफ जान टीवी चैनल्स पर पठानकोट हमले से जुड़ी खबरें देख रहा था और हमले से जुड़े अलग-अलग लोगों के साथ लगातार चैट भी कर रहा था।

एनआईए ने अपनी चार्जशीट में अजहर और उसके भाई असगर व बाकी दोषियों के खिलाफ अभियोग चलाए जाने की मांग की है। गवाहों के मुताबिक, एयरबेस पहुंचने वाले चार में से दो आतंकवादी अपने सरगनाओं के साथ फोन पर बात करते हुए 'मेजर' और 'अल्फा' कोडनेम का इस्तेमाल कर रहे थे।

एनआईए ने चार्जशीट में बताया है कि जब आतंकवादी एयरबेस पहुंच गए, तब भी उनके आतंकी सरगना फेसबुक पर मौजूद थे। आतंकवादियों ने हमले से जुड़ी हर मिनट की खबर जानने के लिए सोशल मीडिया का इस्तेमाल किया।

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