हैदराबाद के गुनहगारों को फांसी की सजा, दिल्ली पुलिस की भूमिका रही अहम
हैदराबाद धमाकों के लिए जिम्मेदार पांच आतंकियों को फांसी की सजा सुनाई गई है। इन अातंकियों को फांसी के फंदे तक ले जाने में दिल्ली पुलिस की अहम भूमिका रही है।
नीलू रंजन, नई दिल्ली। हैदराबाद धमाके के आरोपियों को फांसी के फंदे तक पहुंचाने में दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल की अहम भूमिका रही है। जिन पांच आरोपियों को अदालत ने फांसी की सजा दी है, उनमें से तीन को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने गिरफ्तार किया था। बाद में एनआइए ने उनसे पूछताछ कर आतंकी हमले की पूरी साजिश का पर्दाफाश किया था। यही नहीं, पूरे देश में इंडियन मुजाहिदीन की कमर तोड़ने में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सबसे आगे रहा है।
हैदराबाद के गुनहगारों को फांसी
जिन पांच आतंकियों को फांसी की सजा दी गई है। उनमें से जिया उर रहमान उर्फ वकास और तहसीन अख्तर उर्फ मोनू उर्फ समीर को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने 25 मार्च 2014 को गिरफ्तार किया था। इसी तरह तीसरे आरोपी एजाज शेख को पांच सितंबर 2014 को गिरफ्तार किया था। बाद में एनआइए ने इन तीनों को रिमांड पर लेकर पूछताछ की और हैदराबाद धमाके की पूरी साजिश का पर्दाफाश किया। एनआइए ने अपनी चार्जशीट में दिल्ली पुलिस की इस भूमिका को स्वीकार किया है। एनआइए के अनुसार दिल्ली पुलिस ने जिन आरोपियों को गिरफ्तार किया उनसे केस को मजबूत करने के लिए अहम सबूत मिले थे।
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दिल्ली पुलिस की अहम भूमिका
गौरतलब है कि 2008 में बाटला हाऊस मुठभेड़ में आइएम की कमर तोड़ने के साथ ही 2013, 2014 और 2015 में देश भर से आइएम के सभी माड्यूल का सफाया करने में दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल की केंद्रीय भूमिका रही है। 2008 के पहले आइएम मीडिया संस्थानों को मेल कर बम धमाके की पूर्व सूचना देता था और साथ सुरक्षा एजेंसियों को चुनौती देता था कि बम धमाके को रोक सकते हो, तो रोक लो। 2008 में पहली बार दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल आइएम माड्यूल तक पहुंचने सफल रही और बाटला हाऊस में चार आतंकियों को मार गिराया। इस मुठभेड़ में दिल्ली पुलिस के इंस्पेक्टर मोहनचंद्र शर्मा शहीद हो गए थे। बाटला हाऊस मुठभेड़ के बाद आइएम की आतंकी हमले पर लगाम लगी थी। लेकिन बाद में यासिन भटकल उन्हें फिर से सक्रिय करने में सफल हो गया था।
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यासिन की गिरफ्तारी, स्पेशल पुलिस को कामयाबी
नेपाल से यासिन भटकल की गिरफ्तारी के बाद दिल्ली पुलिस का स्पेशल सेल एक बार सक्रिय हुआ और अगले तीन सालों में उसे देश भर से कुल 37 आतंकियों को गिरफ्तार करने में सफलता मिली, उनमें से 22 आइएम के आतंकी थे। सुरक्षा एजेंसी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इसके बाद देश में आइएम का वजूद खत्म हो गया। आइएम के वही 15 आतंकी बच पाए, जो पाकिस्तान भाग गए थे, उनमें आइएम का प्रमुख रियाज भटकल भी शामिल है। उनमें से चार आतंकी सीरिया में आइएसआइएस में शामिल हो गए थे, जो वहीं मारे गए।
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