पत्रों से प्रदर्शित होगा भारत-पाक का अतीत

भारत-पाकिस्तान का अतीत अब पत्रों के जरिये प्रदर्शित किया जाएगा। पत्रों के जरिए ये दो पड़ोसी मुल्क अपने इतिहास का आदान-प्रदान कर रहे हैं और इसमें शामिल हैं दोनों तरफ के 6200 स्कूली बच्चे। सिटीजंस आर्काइव आफ पाकिस्तान (सीएपी) ने पीस वर्क्‍स के सहयोग से एक्सचेंज फार चेंज (इएफसी) नामक

By anand rajEdited By: Publish:Sat, 29 Nov 2014 09:55 AM (IST) Updated:Sat, 29 Nov 2014 10:13 AM (IST)
पत्रों से प्रदर्शित होगा भारत-पाक का अतीत

कोलकाता( जागरण संवाददाता)। भारत-पाकिस्तान का अतीत अब पत्रों के जरिये प्रदर्शित किया जाएगा। पत्रों के जरिए ये दो पड़ोसी मुल्क अपने इतिहास का आदान-प्रदान कर रहे हैं और इसमें शामिल हैं दोनों तरफ के 6200 स्कूली बच्चे। सिटीजंस आर्काइव आफ पाकिस्तान (सीएपी) ने पीस वर्क्स के सहयोग से एक्सचेंज फार चेंज (इएफसी) नामक इस अनोखे कार्यक्रम की शुरुआत की है।

इसके तहत पाकिस्तान के कराची से 560 पत्रों की खेप महानगर पहुंची है। ये पत्र पाकिस्तान के स्कूली बच्चों ने लिखे हैं, जिसमें उन्होंने अपने देश के व्यक्ति विशेष, उनके परिवार, देश की महत्वपूर्व घटनाओं एवं दैनिक जीवन का जिक्र किया है। सीएपी के कार्यकारी निदेशक स्वलेहा आलम शहजादा ने बताया-इस कार्यक्रम की शुरुआत अगस्त में हुई थी। यह मौखिक इतिहास परियोजना का हिस्सा है, जिसके तहत भारत-पाकिस्तान के आपसी रिश्तों को मजबूत करने की कोशिश की जाएगी। इस कार्यक्रम में प्रारंभिक तौर पर दोनों देशों के छह शहरों के 5400 छात्र-छात्राएं भाग ले रहे थे। अब कोलकाता भी इसमें शुमार हो गया है। पीस वर्क्स की निदेशक मीना मेघा मल्होत्रा ने कहा कि लोगों का परस्पर संपर्क ही देशों को आगे ले जाने का एकमात्र रास्ता है।

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