Nord Stream Pipeline Leaks: नार्ड स्‍ट्रीम पाइपलाइन लीक के बाद यूरोप में तेजी से बदले हालात, क्‍या होगा असर..?

नॉर्ड स्ट्रीम 1 और 2 पाइपलाइनों में लीकेज की खबरें सामने आने के बाद यूरोपीय मुल्‍कों में अफरातफरी का आलम है। रूस ने अमेरिका पर मौके का फायदा उठाने का आरोप लगाया है तो यूक्रेन मास्‍को को जिम्‍मेदार बता रहा है। मौजूदा स्थिति की पड़ताल करती एक रिपोर्ट...

By Krishna Bihari SinghEdited By: Publish:Mon, 03 Oct 2022 05:23 PM (IST) Updated:Mon, 03 Oct 2022 05:43 PM (IST)
Nord Stream Pipeline Leaks: नार्ड स्‍ट्रीम पाइपलाइन लीक के बाद यूरोप में तेजी से बदले हालात, क्‍या होगा असर..?
नॉर्ड स्ट्रीम पाइपलाइनों में लीकेज से यूरोपीय मुल्‍कों में हालात बिगड़ सकते हैं। (Reuters)

नई दिल्‍ली, आनलाइन डेस्‍क। पिछले महीने डेनमार्क और स्वीडन के पास बाल्टिक सागर में नॉर्ड स्ट्रीम 1 और 2 पाइपलाइनों में लीकेज होने की रिपोर्टें सामने आई थीं। गैस रिसाव की खबरें सामने आने के बाद यूरोपीय मुल्‍कों में अफरातफरी का आलम था। रूस एवं अन्‍य मुल्‍कों में आरोप प्रत्‍यारोप का दौर देखा गया। इस बीच राहत भरी खबर सामने आ रही है। रायटर ने रूसी गैस आपूर्तिकर्ता कंपनी गजप्रोम के हवाले से कहा है कि नॉर्ड स्ट्रीम पाइपलाइनों में दबाव स्थिर हो गया है। हालांकि इस घटनाक्रम ने यूरोप को गहराई से प्रभावित किया है। प्रस्‍तुत है समूचे घटनाक्रम पर एक रिपोर्ट...

रूस का अमेरिका पर मौके का फायदा उठाने का आरोप

क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने सोमवार को कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका ने नॉर्ड स्ट्रीम पाइपलाइनों में गैस रिसाव के बाद लिक्‍व‍िड प्राकृतिक गैस (एलएनजी) की कीमतों में वृद्धि की है। इतना ही नहीं रूस का यह भी कहना है कि अमेरिका ने मौके का फायदा उठाते हुए प्राकृतिक गैस की बिक्री बढ़ा दी है।

40 प्रतिशत गैस की आपूर्ति इन्‍हीं से...

दरअसल यूरोप 40 फीसद प्राकृतिक गैस के लिए रूस पर निर्भर है। अधिकांश आपूर्ति यमल-यूरोप पाइपलाइन और नार्ड स्ट्रीम वन पाइपलाइन से होती है। यमल-यूरोप पाइपलाइन बेलारूस और पोलैंड से होकर गुजरती है जबकि नार्ड स्ट्रीम वन यूक्रेन से होते हुए जर्मनी तक जाती है। जर्मनी को नार्ड स्‍ट्रीम 1 से हर साल करीब 55 बिलियन क्‍यूबिक मीटर गैस की आपूर्ति होती है। आपूर्ति प्रभावित होने से जर्मनी में आर्थिक संकट गहरा गया है।

यूक्रेन के साथ जारी गतिरोध से बिगड़े हालात

इस साल यूक्रेन में सैन्‍य अभियान शुरू करने के बाद अमेरिका समेत पश्चिमी मुल्‍कों के निशाने पर आए रूस ने प्रतिबंधों के जवाब में ईंधन आपूर्ति को हथियार के तौर पर इस्‍तेमाल किया। रूस ने नॉर्ड स्ट्रीम-1 और नॉर्ड स्ट्रीम-2 के प्रवाह को रोक दिया। रूसी गैस की आपूर्ति में गिरावट के कारण यूरोप में कीमतें बढ़ गईं।

यूरोपीय मुल्‍कों के लिए भारी पड़ेगी यह ठंड

अब नॉर्ड स्ट्रीम 1 और 2 पाइपलाइनों में लीकेज की घटनाओं ने 'कोढ़ में खाज' जैसी परिस्थिति पैदा करने का काम किया है। यूरोप में कड़ाके की सर्दी से बचने के लिए ईंधन की आपूर्ति में बाधा से हालात बिगड़ सकते हैं। नतीजतन यूरोपीय मुल्‍क घरों को गर्म रखने, बिजली पैदा करने और कारखाने चलाने के लिए इस्तेमाल की जाने वाले ईंधन के वैकल्पिक आपूर्ति खोजने के लिए जद्दोजहद करते नजर आ रहे हैं। चिंताजनक बात यह कि अभी तक इन पाइपलाइनों की निगरानी करने वाला कोई नहीं है।

...तो बिगड़ेंगे हालात

विश्लेषकों का कहना है कि यदि नॉर्ड स्ट्रीम पाइपलाइनों को जल्‍द नहीं ठीक किया गया तो यूरोप में सर्दियों का मौसम बेहद मुश्किल साबित होगा। इसे ठीक करने में Eni SpA, Gazprom PJSC और ऑस्ट्रिया जुटे हैं। समाचार एजेंसी रायटर की राहत की बात यह कि रूस की सरकारी ईंधन आपूर्तिकर्ता कंपनी गजप्रोम (Gazprom PJSC) का कहना है कि नॉर्ड स्ट्रीम पाइपलाइनों में दबाव अब स्थिर हो गया है। हालांकि आपूर्ति सामान्‍य होना अभी दूर है।

कैसे आया लीकेज

यह अभी स्पष्ट नहीं है कि यूरोप के लिए बेहद महत्‍पूर्ण इन पाइपलाइनों में लीकेज कैसे आया। विश्लेषकों और विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह के रिसाव बहुत दुर्लभ हैं। संभावित कारणों में तकनीकी खराबी से लेकर रखरखाव की कमी और तोड़फोड़ भी शामिल है।

रूस पर तोड़फोड़ के लग रहे आरोप 

यूक्रेन ने आरोप लगाया कि यह लीक संभवतः रूस के आतंकी हमले का नतीजा था। पोलैंड ने भी लीक को तोड़फोड़ का नतीजा बताया जबकि डेनमार्क ने कहा कि इसे खारिज नहीं किया जा सकता है। यूक्रेन का समर्थन करने वाले यूरोपीय मुल्‍कों का आरोप हैं कि रूस की ओर से जानबूझकर इस तरह के प्रयास किए गए हैं कि गैस पाइपलाइन को खराब किया जा सके। यूरीपोय यूनियन के 27 सदस्य देशों की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि रिसाव जानबूझकर किए गए कृत्यों का नतीजा मालूम पड़ता है।

पर्यावरण को नुकसान 

वहीं वैज्ञानिकों का मानना है कि गैस रिसाव से पर्यावरण को बड़ा नुकसान हो सकता है। अलजजीरा की रिपोर्ट में कहा गया है कि ग्रीनहाउस गैस मीथेन के निकलने से जलवायु पर हानिकारक प्रभाव पड़ेगा। हालांकि यह रिसाव केवल उस क्षेत्र में पर्यावरण को प्रभावित करेगा जहां यह हो रहा है।

दहशत में यूरोप, नार्वे ने तैनात की सेना

नॉर्ड स्ट्रीम 1 और 2 पाइपलाइनों में लीकेज की घटना ने यूरोपीय मुल्‍कों की चिंता बढ़ा दी है। समाचार एजेंसी रायटर की रिपोर्ट के मुताबिक नॉर्वे की सेना ने सोमवार को कहा कि उसने प्रमुख तटवर्ती तेल और गैस प्रसंस्करण संयंत्रों की सुरक्षा के लिए सैनिकों को तैनात कर दिया है। इतना ही नहीं यूक्रेन के सबसे बड़े परमाणु ऊर्जा संयंत्र जपोरिजिया के पास माहौल बेहद तनावपूर्ण है और नाभकीय लीक की आशंका बनी हुई है। नतीजतन पोलैंड लोगों को आयोडीन की गोलियां वितरित कर रहा है। पढ़ें पूरी रिपोर्ट- खतरनाक मोड़ पर पहुंचा रूस और यूक्रेन का युद्ध

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