नई दिल्ली, जागरण स्पेशल। यूक्रेन पर रूस का हमला होते ही यूरोप में गैस की कीमतों में उछाल आ गया है। रूस द्वारा उठाए गए इस कदम के विरोध में जर्मन चांसलर ने रूस से जर्मनी के बीच आपूर्ति के लिए तैयार हो रही नार्ड स्ट्रीम टू गैस पाइपलाइन के प्रमाणन पर रोक लगा दी है। फिलहाल प्राकृतिक गैस के लिए रूस पर यूरोप की निर्भरता को देखते हुआ बड़ा सवाल खड़ा हो गया है कि मौजूदा संकट में यूरोप के पास रास्ते क्या हैं? आइए समझते हैं:
40 प्रतिशत गैस की जरूरत
- यूरोप 40 प्रतिशत प्राकृतिक गैस के लिए रूस पर निर्भर है। इनमें से ज्यादातर आपूर्ति यमल-यूरोप पाइपलाइन से होती है, जो बेलारूस और पोलैंड से होकर गुजरती है। इसके अलावा आपूर्ति नार्ड स्ट्रीम वन पाइपलाइन से होती है, जो यूक्रेन से होते हुए जर्मनी तक जाती है
- आक्सफोर्ड इंस्टीट्यूट फार एनर्जी के एक अध्ययन में दावा किया गया है कि मौजूदा परिस्थिति में रूस यूरोप को बेची जाने वाली गैस पर रोक लगा सकता है। ऐसा भी हो सकता है कि युद्ध के कारण यूक्रेन से गुजरने वाली पाइपलाइन क्षतिग्रस्त हो जाए
आसान नहीं यूरोपीय देशों की राह

- बारक्लेज के विश्लेषकों का कहना है कि रूस से यूरोपीय संघ को साल में 150 से 190 अरब घनमीटर गैस की आपूर्ति होती है और इतने कम समय में इसका विकल्प तलाशना मुश्किल है
- मौजूदा स्थिति को देखें तो सर्दियों में यूरोपीय संघ को रूस से करीब 48 अरब घनमीटर गैस आपूर्ति होगी, जो सालाना आधार पर 30 प्रतिशत कम है
- रूस से होने वाली आपूर्ति में गिरावट आई तो यूरोपीय संघ का गैस भंडार 20 अरब घनमीटर के निचले स्तर पर जा सकता है
वैकल्पिक रास्ते भी हैं
- कुछ देशों के पास वैकल्पिक आपूर्ति के विकल्प हैं। रूस से मिलने वाली गैस का सबसे बड़ा उपभोक्ता जर्मनी है। वह ब्रिटेन, डेनमार्क, नार्वे और नीदरलैंड से गैस आयात कर सकता है
- यूरोप के दूसरे सबसे बड़े आपूर्तिकर्ता नार्वे का कहना है कि वह पहले ही अपनी अधिकतम क्षमता से आपूर्ति कर रहा है और रूस से होने वाली आपूर्ति की भरपाई उसके लिए संभव नहीं है
- दक्षिणी यूरोप ट्रांस एड्रियाटिक पाइपलाइन के जरिये इटली से और ट्रांस एनाटोलियन नैचुरल गैस पाइपलाइन के जरिये तुर्की से गैस प्राप्त कर सकता है
- पड़ोसी देश इंटरकनेक्टर्स के जरिये गैस ट्रांसफर कर सकते हैं, लेकिन इसके लिए कीमत ज्यादा चुकानी पड़ सकती है
पहले भी आया है संकट
- वर्षों से यूक्रेन और रूस के बीच गैस आपूर्ति के कारण टकराव दिखा है। 2006 में रूस के गेजप्रोम ने एक दिन के लिए आपूर्ति बाधित कर दी थी
- 15 -2009 पूरे यूरोप में आपूर्ति बाधित हुई थी। 2014 में क्रीमिया पर कब्जे के बाद रूस ने कीव की आपूर्ति रोक दी थी। नवंबर, 2015 में यूक्रेन ने रूस से गैस खरीदना बंद कर दिया था
इनपुट : रायटर, न्यू स्टेट्समैन, वाशिंगटन पोस्ट